राष्ट्रपति भवन : 06.10.2015
जर्मनी संघीय गणराज्य की महामहिम चांसलर डॉ. एंजेला मर्केल ने कल (05 अक्तूबर 2015) राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति,श्री प्रणब मुखर्जी से भेंट की।
डॉ. मर्केल का स्वागत करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि भारत जर्मनी के साथ अपनी कार्यनीतिक साझीदारी को अत्यंत महत्व देता है। उनकी यात्रा दो देशों के संबंधों की घनिष्ठता को व्यक्त करती है। दोनों देशों के बीच संबंध लोकतंत्र,विधिक शासन और सहिष्णुता के साझे सिद्धांतों पर आधारित हैं। जर्मनी ने विगत वर्षों के दौरान भारत के आर्थिक विकास में अत्यधिक योगदान दिया है। भारत द्विपक्षीय आर्थिक संपर्कों और सहयोग को नए स्तर पर ले जाने की उम्मीद करता है। भारत मानता है कि जर्मनी आर्थिक सहयोग में इसके साझीदार के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। भारत और जर्मनी को अपनी-अपनी अर्थव्यवस्थाओं के सुदृढ़ एकीकरण तथा और अधिक राजनीतिक सद्भावना के लिए कार्य करना चाहिए। संबंधों को घनिष्ठ बनाने की अपार संभावनाएं मौजूद हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत और जर्मनी के बीच2014-15में 20.33 बिलियन अमरीकी डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार हुआ था। जर्मनी यूरोपीय संघ में भारत का सबसे बड़ा व्यापार साझीदार है। यह एक प्रमुख विदेशी निवेशक भी है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2015 दो देशों के बीच गहन द्विपक्षीय आदान-प्रदान का वर्ष रहा है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि तृतीय भारत-जर्मनी अंतरसरकारी मंत्रणा की चर्चाओं से संबंधों को और सुदृढ़ बनाने में मदद मिलेगी।
जर्मन चांसलर ने राष्ट्रपति की भावनाओं का हार्दिक प्रत्युत्तर दिया और कहा कि भारत जर्मनी का सबसे बड़ा विकास साझीदार है। जर्मनी भारत के साथ साझे मूल्यों का आदान-प्रदान करता है। विश्व अर्थव्यवस्था कमजोर बनी हुई है तथा दोनों देशों को इसे स्थिर बनाने के लिए मिलकर कार्य करना चाहिए।
यह विज्ञप्ति 16:20 बजे जारी की गई।