राष्ट्रपति भवन : 16.10.2015
राष्ट्रपति ने भारत के कायाकल्प में भागीदार बनने के लिए इजराइली वैज्ञानिकों और अनुसंधानकर्ताओं से आग्रह किया है
हिब्रू विश्वविद्यालय ने कल (15 अक्तूबर, 2015) येरूशलम, इजराइल में आयोजित एक समारोह में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को मानद डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की। इस अवसर पर,राष्ट्रपति ने कहा कि वह भारत की जनता की ओर से भारत के राष्ट्रपति के रूप में डॉक्टरेट की उपाधि ग्रहण करते हैं। मुझे इजराइल के एक विशालतम अनुसंधान और शिक्षण संस्थान, येरूशलम के हिब्रू विश्वविद्यालय के साथ जुड़कर अत्यंत प्रसन्नता हुई है।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत के अनेक प्रमुख क्षेत्रों में बहुत सी पूरकताएं हैं। भारत दोनों देशों के वैज्ञानिकों और अनुसंधानकर्ताओं के बीच साझीदारी की पूर्ण क्षमता को फलीभूत करने के प्रति उत्सुक है। हमारे दोनों देशों के शैक्षिक समुदायों के लाभ के लिए बहुत कार्य करना होगा। भारत प्रतिवर्ष 40,0000 इंजीनियरों को प्रशिक्षित करता है। इजराइल ने अनुसंधान और तकनीकी नवान्वेषण के क्षेत्र में स्वयं को साबित किया है। भारत अपने डिजीटल भारत कार्यक्रम तथा भारत के स्मार्ट शहरों और आदर्श गांवों के निर्माण में इजराइल की भागीदारी चाहता है। इजराइली वैज्ञानिकों और अनुसंधानकर्ताओं के विचार और नवान्वेषण भारत सरकार के इन अग्रणी कार्यक्रमों के लक्ष्य प्राप्त करने में अत्यंत मददगार हो सकते हैं। उन्होंने भारत के कायाकल्प में भागीदारी के लिए इजराइली वैज्ञानिकों और अनुसंधानकर्ताओं से आग्रह किया।
यह विज्ञप्ति 11:00 बजे जारी की गई।