राष्ट्रपति भवन : 08.05.2017
भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने 09 मई, 2017 को गुरुदेव रवीन्द्रनाथ ठाकुर के जन्म दिवस की पूर्व संध्या पर कहा हैः
‘‘गुरुदेव रवीन्द्रनाथ ठाकुर के जन्म दिवस के अवसर पर, मैं इन महान सृजन प्रतिभा जिन्होंने भारत का राष्ट्र गान लिखा और साहित्य में एशिया का प्रथम नोबेल पुरस्कार जीता,को अपनी विनम्र श्रद्धांजलि देता हूं।
एक प्रबुद्ध विभूति के रूप में, उन्हें संस्कृतियों और साहित्य के ज्ञान के आदान-प्रदान के माध्यम से सभ्यताओं के बीच संवाद का विचार आकर्षित करता था। वह उस समय हमारे देश के श्रेष्ठ दूत थे जब बाहरी विश्व को भारत के बारे में बहुत कम जानकारी थी।
गुरुदेव ठाकुर ने शांति और भाइचारे की संकल्पना प्रस्तुत की जो प्रासंगिक और वैश्विक औचित्य के रूप में जारी रही। नस्ल, पंथ और वर्ण से व्याप्त विश्व में गुरुदेव ठाकुर ने विविधता,उन्मुक्त मानसिकता,सहिष्णुता और सहअस्तित्व पर आधारित एक नूतन विश्व व्यवस्था के लिए अंतरराष्ट्रीयवाद को बढ़ावा दिया।
गुरुदेव रवीन्द्र नाथ ठाकुर एक महान आत्मा थे जिन्होंने ना केवल अपने दौर को आलोकित किया बल्कि मानवता के लिए एक प्रेरणा भी बने रहे। आइए इस अवसर पर ठाकुर के एकता और मानवता के विचार से प्रेरणा ग्रहण करें।’’
यह विज्ञप्ति 1300बजे जारी की गई।