गुरखा भूतपूर्व सैनिक नेपाल और भारत के बीच मित्रता के आधार स्तंभ हैं
राष्ट्रपति भवन : 04.11.2016


भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (04 नवम्बर, 2016) को पेंशन भुगतान कार्यालय, पोखरा, नेपाल में भारतीय सेना के गुरखा भूतपूर्व सैनिकों की एक सभा को संबोधित किया।

इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि यह गर्व का विषय है कि वीर गुरखा पिछले 200 सालों से असाधारण वीरता और कर्तव्यनिष्ठा से भारतीय सेना में कार्य कर रहे हैं। उन्होंने भारतीय सरकार में अपने लिए नाम कमाया है। आज भारत में 32,000 गुरखा सैनिक सेवा कर रहे हैं और लगभग 1 लाख 26 हजार पूर्व सैनिक और उनके आश्रित नेपाल में पेंशन ले रहे हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि भूतपूर्व सैनिक भारत और नेपाल की मित्रता के आधारस्तंभ हैं। भारत सरकार और भारतीय सेना अपने वीर गुरखा सैनिकों और पूर्व सैनिकों पर गर्व करते हैं। उन्होंने भारत की ओर से आश्वासन दिलाया कि भारत सरकार अपने पूर्व सैनिकों के कल्याण के लिए हर संभव प्रयत्न करने से कभी पीछे नहीं हटेगी। भारत सरकार की तरफ से उनके लिए उन सबकी खुशहाली और कुशलता के लिए बहुत सारी कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रतिवर्ष लगभग 31,00 करोड़ नेपाली रुपयों का पेंशन वितरण नेपाल में किया जा रहा है। चालू वित्तीय वर्ष में लगभग 4,000 करोंड नेपाली रुपये ‘वन रैंक वन पेंशन’ और सांतवें केंद्रीय वेतन आयोग के अंतर्गत वितरण करने का हमारा उद्देश्य था।

राष्ट्रपति ने कहा कि भारत सरकार ने अन्य सहायता के अलावा भूकंप प्रभावित 4832 पूर्व सैनिकों की सहायता के लिए प्रति पेंशनर 32 हजार नेपाली रुपये भी प्रदान किए हैं। गत वर्ष लगभग 6.5 करोड़ नेपाली रुपये विभिन्न कल्याण योजनाओं के अंतर्गत वितरित किए गए। वृद्धावस्था में उनके स्वास्थ्य का ख्याल रखने के लिए नेपाल में ईसीएचएस (एक्स सर्विसमैन कंट्रीब्यूट्री हेल्थ स्कीम) लागू करने के अलावा लगभग 1 करोड़ नेपाली रुपये उपचार सहायता के रूप में वितरित किए गए हैं। भारतीय सेना की 10 मेडिकल टीम हर साल नेपाल में आ रही हैं। अभी तक 64 एंबुलेंस विभिन्न भूतपूर्व सैनिक संस्थाओं को उपहार स्वरूप प्रदान की जा चुकी है।

राष्ट्रपति ने कहा भारतीय सेना उनके आश्रित बालक-बालिकाओं को छात्रवृत्ति भी प्रदान कर रही है। भौतिक अवसंरचना का निर्माण और विकास करने की मुहिम के अंतर्गत 1049 पूर्व सैनिकों के गांव तक पीने की पानी की योजनाएं पहुंचाई गईं हैं। 17 दुर्गम इलाकों में सौर ऊर्जा परियोजना के माध्यम से बिजली पहुंचाई गई है।

यह विज्ञप्ति 1540 बजे जारी की गई।

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