गांधी जयंती की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति जी का संदेश
राष्ट्रपति भवन : 01.10.2013

गांधी जयंती का अवसर हमारे लिए हमारे राष्ट्रपिता के जीवन और उनके योगदान के बारे में चिंतन करने का अवसर है। यह दिन हमारे लिए खुद को महात्मा जी के आदर्शों के प्रति पुन: समर्पित करने का दिन है, जिन्होंने सत्य, अहिंसा तथा खुद को कष्ट देने की शक्ति पर आधारित सत्याग्रह के उपाय की खोज की तथा भारत को उपनिवेशवादी शासन से मुक्ति पाने में सहायता की।

महात्मा गांधी की न्याय के प्रति अनुकरणीय निष्ठा थी तथा मानव की सेवा के प्रति कभी न थकने वाला जज्बा था। महात्मा गांधी के विचार तथा उनकी जीवन शैली संपूर्ण भारत की अंतश्चेतना में व्याप्त हो गई थी तथा वर्षों से हमने जिन लोकतांत्रिक संस्थाओं का गठन किया है, उन सभी में इनकी अभिव्यक्ति हुई है। जब हमने अपना संविधान बनाया तो उनमें मौलिक अधिकार, नीति निर्देशक सिद्धांत, अस्पृश्यता निवारण, वंचितों और हासिये पर मौजूद लोगों के अधिकार जैसी संकल्पनाएं गांधी जी के विचारों और मूल्यों से प्रभावित थी।

इस शुभ अवसर पर मैं अपने सभी देशवासियों से आग्रह करता हूं कि वे महात्मा गांधी जी के बहुमूल्य उपदेशों से ज्ञान प्राप्त करें तथा यह सुनिश्चित करें कि बापू हमारे दिलों में तथा मनों में सदैव जिंदा रहें।

यह विज्ञप्ति 1540 बजे जारी की गई।

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