चीन के संसदीय शिष्टमंडल ने राष्ट्रपति जी से भेंट की
राष्ट्रपति भवन : 16.06.2015

नेशनल पीपल्स कांग्रेस की स्थायी समिति के अध्यक्ष श्री झांग डिजियांग के नेतृत्व में चीन जन गणराज्य के एक संसदीय शिष्टमंडल ने कल (15 जून, 2015) राष्ट्रपति भवन में भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी से भेंट की।

शिष्टमंडल का स्वागत करते हुए,राष्ट्रपति ने कहा कि झांग की भारत यात्रा, भारत और चीन के बढ़ते रिश्तों को प्रतिबिंबित करती है। इससे भारत-चीन संसदीय आदान-प्रदान को सशक्त बनाने में मदद मिलेगी, विशेषकर नेशनल पीपल्स कांग्रेस के अध्यक्ष की पिछली यात्रा 14 वर्ष पहले हुई थी। लोक सभा अध्यक्ष की चीन की विगत यात्रा भी 2006 में हुई थी।

राष्ट्रपति ने कहा कि भारत और चीन की संसदों के बीच आदान-प्रदान तेज करने की आवश्यकता है। भारत आपसी सद्भावना बढ़ाने के लिए इसे एक महत्वपूर्ण माध्यम मानता है। भारत, चीन के साथ अपने संबंधों को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है तथा मैत्रीपूर्ण और सहयोगात्मक संबंधों को और घनिष्ठ बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। हाल के वर्षों में चीन के साथ भारत के संबंधों में चहुंमुखी प्रगति हुई है। वर्ष 2014 में भारत-चीन द्विपक्षीय व्यापार पिछले वर्ष की तुलना में 7.9 प्रतिशत बढ़कर 70.59 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया। भारत अपने आर्थिक सहयोग की पूर्ण क्षमता का प्रयोग करने के लिए प्रतिबद्ध रहा है परंतु व्यापार घाटा चिंता का विषय है। यह उपयुक्त है कि एक उच्च स्तरीय समूह की स्थापना यह जांच करने के लिए की गई है कि घाटे को कैसे कम किया जाए।

राष्ट्रपति ने यह कहते हुए भारत के विनिर्माण क्षेत्र में अपनी भागीदारी बढ़ाने के लिए चीन की कंपनियों को आमंत्रित किया कि चीनी कंपनियों द्वारा भारत की ‘भारत में निर्माण’ पहल से लाभ न उठाने के पीछे कोई कारण नहीं होना चाहिए। राष्ट्रपति ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के पोलितब्यूरो की स्थायी समिति के सदस्य के रूप में अध्यक्ष की उच्च राजनीतिक प्रतिष्ठा तथा भारत-चीन संबंधों की उनकी गहन जानकारी की प्रशंसा की। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि श्री झांग की यात्रा द्विपक्षीय संबंधों को नई गति प्रदान करेगी।

राष्ट्रपति के प्रत्युत्तर में,नेशनल पीपल्स कांग्रेस की स्थायी समिति के अध्यक्ष ने कहा कि वह चीन के साथ और अधिक सहयोग करने के लिए भारत के सभी उच्च स्तरीय नेताओं के बीच सर्वसम्मति से अत्यंत प्रभावित हुए। भारत और चीन विशालतम विकासशील देश और उभरते हुए बाजार हैं। दोनों ही पड़ोसी हैं। उनकी कुल मिलाकर लगभग 2.5 बिलियन जनसंख्या है। उन्होंने हाल के समय में सशक्त ऊर्जा और उत्साह दर्शाया है। दोनों देशों के बीच मैत्री से न केवल दोनों देशों की जनता को लाभ होगा बल्कि समूचे क्षेत्र और विश्व पर भी गहरा प्रभाव पड़ेगा।

यह विज्ञप्ति1235 बजे जारी की गई।

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