राष्ट्रपति भवन : 11.09.2015
भारतीय व्यापार सेवा के परिवीक्षाधीनों के एक समूह ने आज (11 सितंबर, 2015) राष्ट्रपति भवन में भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी से भेंट की।
इन परिवीक्षाधीनों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति जी ने कहा कि वे एक बहुत चुनौतीपूर्ण क्षेत्र में प्रवेश कर रहे हैं। उन्हें खुद को निरंतर अद्यतन रखना होगा तथा नवीनतम डिजिटल और सूचना प्रौद्योगिकी से सुसज्जित करना होगा।
राष्ट्रपति जी ने कहा कि आज की वैश्विक दुनिया में हम पहले से कहीं अधिक व्यापार के महत्त्व को समझते हैं। व्यापार के स्वरूप में भी बहुत परिवर्तन आया है। हमारे देश से सेवाओं का निर्यात अब काफी बढ़ गया है। तथापि, अभी बहुत कुछ किया जाना है। भारत का विश्व व्यापार में हिस्सा चीन के 12 प्रतिशत के मुकाबले लगभग 2 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि देश की आर्थिक स्थिति को दिशा प्रदान करने में भारतीय व्यापार परिवीक्षाधीनों की भूमिका काफी अधिक होने वाली है। वे भारतीय विदेश व्यापार नीति के निर्माण तथा कार्यान्वयन से जुड़ने वाले हैं, जिसका प्रमुख कार्य निर्यात बढ़ाना होगा। राष्ट्रपति जी ने उनको यह ध्यान रखने की सलाह दी कि आज की वैश्वीकृत दुनिया में उनकी भूमिका व्यापार विनियामक से बदल कर व्यापार सहायक की हो गई है। उन्होंने कहा कि उन्हें व्यापार की प्रगति, प्रोत्साहन तथा सुविधा प्रदान करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी।
यह विज्ञप्ति 16:20 बजे जारी की गई।