राष्ट्रपति भवन : 25.08.2014
भारतीय व्यापार सेवा के 8 परिवीक्षाधीनों एवं 20अधिकारियों ने आज (25 अगस्त, 2014) भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी से भेंट की।
इन अधिकारियों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि पिछले वर्षों के दौरान अर्थव्यवस्था में बड़े बदलाव आए हैं। कोई भी नीति सदैव के लिए प्रासंगिक नहीं रह सकती। वह प्रणाली ऊर्जावान होती है तथा जिसमें बदलते समय के साथ बदलाव के लिए लचीलापन मौजूद होता है। उन्होंने कहा कि इसलिए हमारी नीतियों से अर्थव्यवस्था के लचीलेपन तथा उर्जस्वीता को सहायता मिलनी चाहिए ताकि यह बढ़ सके।
राष्ट्रपति ने कहा कि वर्षों के दौरान विदेशी व्यापार, भारतीय अर्थव्यवस्था में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है। भारत की विदेश व्यापार नीति में निर्यात को प्रमुखता मिलती रही है। विदेश व्यापार महानिदेशालय में ई-गवर्नेंस के बढ़ने तथा महानिदेशालय की भूमिका में बदलाव के साथ अधिकारियों को अब विनियामकों के रूप में नहीं वरन् व्यापार सुविधा प्रदाताओं के तौर पर कार्य करना होगा। व्यापार में यह सुविधा स्कीम के डिजायन से लेकर इन स्कीमों के तहत निर्यातकों को लाभ प्रदान करने तक हर स्तर पर देनी होगी। व्यवसाय में सुविधा प्रदाता के रूप में भारतीय व्यापार सेवा के अधिकारी हमारी अर्थव्यवस्था की जरूरतों को नया प्रोत्साहन प्रदान कर पाएंगे।
भारतीय व्यापार सेवा के 8 परिवीक्षार्थी इस समय भारतीय विदेश सेवा संस्थान, नई दिल्ली में प्रशिक्षण प्रापत कर रहे हैं और 20 अधिकारी देश के विभिन्न स्थानों पर सेवारत हैं।
यह विज्ञप्ति 1515 बजे जारी की गई।