राष्ट्रपति भवन : 06.09.2016
भारतीय सूचना सेवा (2015 बैच), भारतीय व्यापार सेवा (2015 बैच) तथा भारतीय पी एंड टी लेखा और वित्त सेवा (2015 बैच) के परिवीक्षाधीनों के एक समूह ने आज (06 सितंबर, 2016) राष्ट्रपति भवन में भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी से भेंट की।
इस अवसर पर, राष्ट्रपति ने सिविल सेवा परीक्षा जिसे विश्व की एक सबसे कठिन स्पर्द्धात्मक परीक्षा माना जाता है, में सफल होने पर परिवीक्षाधीनों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि सिविल सेवा का एक लंबा इतिहास है और अनेक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए विभिन्न समय पर विभिन्न सेवाएं सृजित की गई हैं। उन्होंने परिवीक्षाधीनों से कहा कि सिविल सेवा में शामिल होने के उनके निर्णय से उन्हें देश की सेवा करने तथा अल्पायु में दायित्व निभाने का पूरा अवसर मिलेगा। उन्होंने परिवीक्षाधीनों को भावी जिम्मेदारियों में सफल होने के लिए शुभकामनाएं दीं।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय सूचना सेवा विभिन्न भागीदारों के साथ सही परिप्रेक्ष्य में उपयुक्त सूचनाएं संप्रेषित करने के लिए अधिकारियों को अवसर उपलब्ध करवाती है। ज्ञान शक्ति है और ज्ञान का आधार सूचना है। अधिकारियों का कौशल इस बात पर निर्भर करेगा कि वे कितने प्रभावी ढंग से सूचनाएं संप्रेषित कर सकते हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार आज जटिल हो गया है। भारतीय व्यापार सेवा अधिकारी आने वाले वर्षों में व्यापार को एक अधिक शक्तिशाली विकास प्रेरक बनाने की चुनौती का सामना करेंगे।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय पी एंड टी लेखा वित्त सेवा की भूमिका वर्षों के दौरान बदल गई है। अधिकारियों को अपने कार्य के समक्ष चुनौतियों को पूरा करने के लिए पूर्णतः तैयार रहना चाहिए।
यह विज्ञप्ति 1600 बजे जारी की गई।