भारतीय रक्षा लेखा सेवा, भारतीय सिविल लेखा सेवा तथा भारतीय डाक एवं दूरसंचार लेखा और वित्तीय सेवा के परिवीक्षाधीनों ने राष्ट्रपति से भेंट की
राष्ट्रपति भवन : 04.05.2017

भारतीय रक्षा लेखा सेवा, भारतीय सिविल लेखा सेवा तथा भारतीय डाक एवं दूरसंचार लेखा और वित्तीय सेवा के परीवीक्षाधीनों के एक समूह ने आज (04 मई, 2017) राष्ट्रपति भवन में भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी से भेंट की।

इस अवसर पर, राष्ट्रपति ने अत्यंत कठिन और स्पर्द्धात्मक सिविल सेवा परीक्षा को सफलतापूर्वक उत्तीर्ण करने के लिए परिवीक्षाधीनों को बधाई दी। उन्होंने इस बात की भी सराहना की कि उन्होंने सिविल सेवा का चयन इसलिए किया क्योंकि इससे उन्हें राष्ट्र निर्माण में योगदान देने का भरपूर अवसर प्राप्त होगा। किसी भी सेवा या जीवनवृत्त में युवाओं को इतना भारी दायित्व नहीं सौंपा जाता है।

राष्ट्रपति ने कहा कि भारत की विशाल और विविध जनसंख्या एक तंत्र, एक संविधान के अंतर्गत रहती है और उसकी एक पहचान है। हमारा देश जनता के एक विशाल वर्ग की गरीबी, निरक्षरता और जीवन की आधुनिक सुविधाओं तक पहुंच की समस्याओं को हल करने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि सिविल सेवक समाज के कायाकल्प के अत्यंत प्रभावी माध्यम बन सकते हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय रक्षा लेखा सेवा, भारतीय सिविल लेखा सेवा तथा भारतीय डाक एवं दूरसंचार लेखा और वित्तीय सेवा के परिवीक्षाधीन जो यहां उपस्थित हैं उनपर वित्तीय प्रबंधन और समुचित लेखाकरण सुनिश्चित करने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। उन्हें सुनिश्चित करना होगा कि सार्वजनिक निधियों का सही उपयोग हो रहा है। उन्होंने अधिकारियों को भावी जीवनवृत्त में सफलता की शुभकामनाएं दी और उन्हें सलाह दी कि जब वे सेवानिवृत्त होने के बाद पीछे मुड़कर देखें तो उन्हें अपनी स्वयं की और दूसरों की संतुष्टि के अनुसार कार्य करने पर प्रसन्नता होनी चाहिए।

भारतीय रक्षा लेखा सेवा, भारतीय सिविल लेखा सेवा तथा भारतीय डाक एवं दूरसंचार लेखा और वित्तीय सेवा के परिवीक्षाधीन वर्तमान में राष्ट्रीय वित्तीय प्रबंधन संस्थान, फरीदाबाद में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं।

यह विज्ञप्ति 1700 बजे जारी की गई।

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