भारतीय डाक सेवा, भारतीय दूरसंचार सेवा तथा डाक और दूर संचार निर्माण कार्य सेवा के परिवीक्षाधीनों ने राष्ट्रपति से भेंट की
राष्ट्रपति भवन : 09.03.2016

भारतीय डाक सेवा, भारतीय दूरसंचार सेवा तथा डाक और दूरसंचार निर्माण कार्य सेवा के परिवीक्षाधीनों के एक समूह ने आज (09 मार्च, 2016) राष्ट्रपति भवन में भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी से भेंट की।

इस अवसर पर, राष्ट्रपति ने कहा कि उदारीकरण के युग में डाक और दूरसंचार क्षेत्र के आंशिक निजीकरण के अंतर्गत प्रौद्योगिकी में वृहद परिवर्तन तथा उपभोक्ताओं की कई गुणा वृद्धि हुई है। यदि उन्हें स्पर्द्धात्मक विश्व में कायम रहना है तो उन्हें तेजी से बदल रही सूचना और संचार प्रौद्योगिकी के साथ गति बनाए रखनी होगी।

राष्ट्रपति ने कहा कि भारत में विगत दो दशक के दौरान दूरसंचार क्रांति आई है। भारत में मोबाइल टेलीफोनी और इंटरनेट के तेज नेटवर्क ने इस डिजीटल क्षमता को प्रयोग करने में मदद की है। भारत तीव्र डिजीटल केंद्र के रूप में उभर रहा है। सर्वोत्तम दूरसंचार और इंटरनेट सेवाएं प्राप्त करना समय की आवश्यकता है। भारत के लगभग 46 करोड़ इंटरनेट और 37 करोड़ मोबाइल प्रयोक्ता हैं। शिक्षा स्तर में वृद्धि तथा इंटरनेट और मोबाइल टेलिफोनी की सस्ते दर से ये संख्या कई गुणा बढ़ सकती है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि डाक अकादमी और राष्ट्रीय दूर संचार संस्थान डाक, दूरसंचार और निर्माण कार्य क्षेत्र की चुनौतियों से मुकाबला करने के लिए परिवीक्षाधीनों की सहायता हेतु आवश्यक तकनीकी और गैर तकनीकी आगत मुहैया करवा रहे हैं। उन्हें विशाल संख्या में भारत के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए कार्यकौशल, पारदर्शिता और निष्ठा के साथ कार्य करना होगा।

भारतीय डाक सेवा के परिवीक्षाधीन वर्तमान में रफी अहमद किदवई राष्ट्रीय अकादमी गाजियाबाद में पेशेवर प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं जबकि भारतीय दूरसंचार सेवा डाक और दूरसंचार निर्माण कार्य सेवा के परिवीक्षाधीन राष्ट्रीय दूरसंचार नीति अनुसंधान, नवान्वेषण और प्रशिक्षण संस्थान, गाजियाबाद में प्रवेश प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं।


यह विज्ञप्ति 1740 बजे जारी की गई।

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