राष्ट्रपति भवन : 24.03.2014
भारतीय अर्थ सेवा के 35वें बैच (2013) के 29 अधिकारी प्रशिक्षणार्थियों के एक समूह ने आज (24 मार्च, 2014) राष्ट्रपति भवन में भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी से भेंट की।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय अर्थ सेवा के अधिकारी नीति निर्माताओं और नियोजकों को सलाह देने में प्रमुख उपकरण के रूप में कार्य करते हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान जटिल विश्व के नीतिगत परिदृश्य में ठोस आर्थिक सलाह का महत्त्व निरंतर अनुभव किया जाता रहा है। उन्होंने कहा कि आर्थिक नीति निर्माण कार्य लगातार जटिल होता जा रहा है। 1947-48 के बजट में, हमारी आय 171 करोड़ रुपए तथा व्यय 197 करोड़ रुपए था। इसकी तुलना में 2013-14 में हमारा आय 10.3 लाख करोड़ रुपए तथा व्यय 15.9 लाख करोड़ रुपए था। अर्थव्यवस्था के गतिशील स्वरूप तथा वैश्विक अर्थव्यवस्था के साथ इसके गहरे अंत:संबंधों के कारण ढांचागत बदलाव हो रहे हैं। इस चुनौती का मुकाबला सुदृढ़ नीतियों और कार्यक्रमों के साथ करना होगा। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थ सेवा के अधिकारी प्रशिक्षणार्थी देश का भविष्य निर्धारित करने के कार्य में एक महत्त्वपूर्ण उपकरण बनेंगे।
राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूत लचीलेपन में दृढ़ विश्वास रहा है। इसने, दूसरों के साथ-साथ, किसानों, औद्योगिक कामगारों तथा नीति निर्माताओं के योगदान के द्वारा अनेक संकटों का मुकाबला किया।
भारतीय अर्थ सेवा के अधिकारी प्रशिक्षणार्थी वर्तमान में आर्थिक विकास संस्थान, नई दिल्ली में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं।
यह विज्ञप्ति 1600 बजे जारी की गई।