राष्ट्रपति भवन : 19.01.2014
भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (19 जनवरी 2014) बारामती, महाराष्ट्र में कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद संस्थानों के निदेशकों तथा प्रगतिशील किसानों के सम्मेलन का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर बोलते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि जैसा कि भारत की कृषि के विकास अनुभव ने दिखाया है, कृषि के विज्ञान प्रेरित विकास ने काफी अच्छा परिणाम दिया है। कृषि शिक्षा को अनुसंधान तथा प्रसार के लिए एक वैज्ञानिक आधार तैयार करने के लिए सबसे आगे रहना चाहिए। कृषि विश्वविद्यालयों को विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने, उनको पेशेवर रूप से सक्षम तथा सामाजिक रूप से संवेदनशील बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी। कृषि शिक्षा का विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के साथ सामंजस्य बिठाने के लिए उन्हें संकाय तथा संस्था विकास के लिए तथा शासन और पाठ्यचर्या में सुधार के उद्देश्य से पहलें शुरू करनी होंगी।
राष्ट्रपति ने कहा कि इस सम्मेलन से विभिन्न विश्वविद्यालयों तथा भारतीय अनुसंधान परिषद संस्थानों के निदेशकों को पूरे देश में कृषि शिक्षा तथा शासन में एकरसता सुनिश्चित करने के तरीकों पर चर्चा का अवसर मिला है उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस सम्मेलन में किए गए विचार-विमर्श से सहयोग के साझा क्षेत्रों का पता लगाने और भारतीय कृषि को अधिक सशक्त बनाने के लिए तालमेल जुटाने में सहायता मिलेगी।
यह विज्ञप्ति 2000 बजे जारी की गई।