राष्ट्रपति भवन : 02.10.2014
भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने किरनहार शिवचंद्र हाई स्कूल में विद्यार्थियों और अन्य लोगों को शपथ दिलाकर तथा स्वच्छता अभियान में स्कूल के विद्यार्थियों का हाथ बटाकर, पश्चिम बंगाल के वीरभूम जिले के किरनहार में ‘स्वच्छ भारत अभियान’ का शुभारंभ किया। राष्ट्रपति ने महात्मा गांधी तथा भारत के पूर्व प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री की जन्म जयंति के अवसर पर उनके चित्रों पर पुष्पांजलि भी अर्पित की।
इस अवसर पर बोलते हुए, श्री मुखर्जी ने सभी लोगों का आह्वान किया कि वे भारत को स्वच्छ बनाने के इस अभियान में खुद को शामिल करें। उन्होंने कहा कि सरकार के लिए निरक्षरता, सफाई लाने, पर्यावरण को हराभरा रखने तथा पारिस्थितिकीय और पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने के कार्यों को अकेले ही पूरा करना संभव नहीं है। इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सरकार के साथ समाज के बड़े तथा जिम्मेदार वर्गों का योगदान बहुत जरूरी है। स्वच्छता के महत्त्व पर जोर देते हुए श्री मुखर्जी ने शिवचंद्र स्कूल में विद्यार्थी रहने के दौरान पढ़े गए एक पाठ का उल्लेख किया। इसमें कहा गया था कि अपने गांव को फिर से चित्र की तरह सुंदर बनाने के लिए हमें अपने घर तथा इसके चारों ओर के क्षेत्र को स्वच्छ रखना होगा। उन्होंने वियतनाम और क्यूबा का उदाहरण भी दिया जहां निरक्षरता हटाने तथा स्वच्छता लाने के सामाजिक लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए जनता की सहभागिता ने बड़ा योगदान दिया। राष्ट्रपति ने कहा कि यदि सरकार के प्रयासों के साथ गैर सरकारी कोशिशें नहीं जोड़ी जाती तो हम कोई खास प्रगति नहीं कर पाएंगे। श्री मुखर्जी ने 1995 में डेनमार्क के कोपेनहेगन में संयुक्त राष्ट्र के सामाजिक शिखर सम्मेलन का उल्लेख भी किया जिसमें 10 वायदे किए गए थे। उन्होंने कहा कि तीसरा वायदा यह था कि प्रत्येक देश पर्यावरण को स्वच्छ करेगा। राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार ने स्वच्छता को बहुत अधिक प्राथमिकता दी है तथा इसे एक मिशन के तौर पर अपनाया है। तदनुसार यह कार्यक्रम आज छह लाख गांवों में तथा बहुत से शहरों में शुरू किया जा रहा है। राष्ट्रपति ने कहा कि आज शपथ लेने वाले प्रत्येक व्यक्ति द्वारा सौ स्वयंसेवकों को अपने साथ लेने से इस देश को स्वच्छ बनाने के कार्य में बहुत सहयोग मिलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि इस मिशन में स्वयं को शामिल करके हम अपने ऊपर किए गए सामाजिक निवेश को वापस कर सकते हैं और इस प्रकार एक ऐसा जीवन प्राप्त कर सकते हैं जो वांछनीय और हमारी आकांक्षाओं के अनुरूप हो।
इस अवसर पर श्री अभिजीत मुखर्जी, संसद सदस्य,श्री पी. मोहन गांधी, जिलाधिकारी, वीरभूम, श्री नसीम खान, स्कूल के अध्यक्ष तथा श्री नीलकमल बंद्योपाध्याय, स्कूल के प्रधानाचार्य, अन्य लोगों के साथ उपस्थित थे।
राष्ट्रपति ने स्वतंत्रता सेनानी श्री कामदा किंकर मुखर्जी तथा स्कूल के संस्थापक, श्री शिव चंद्र सरकार की प्रतिमाओं पर फूलमालाएं भी चढ़ाई। उन्होंने कामदा किंकर स्मृति विद्यापीठ, मिराती में महात्मा गांधी तथा श्री लाल बहादुर शास्त्री के चित्रों पर पुष्पांजलि भी अर्पित की। राष्ट्रपति जी के पिता के नाम पर स्थापित इस स्कूल में विद्यार्थियों को स्वच्छता की शपथ दिलाई गई।