भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अपने पद पर एक वर्ष का कार्यकाल पूर्ण
राष्ट्रपति भवन : 24.07.2013

भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी, गुरुवार (25 जुलाई, 2013) को अपने पद पर प्रथम वर्ष पूर्ण कर रहे हैं।

इस विशेष दिवस के मौके पर राष्ट्रपति भवन में विभिन्न क्रियाकलाप आयोजित किए गए हैं। इनमें से कुछ हैं :-

(i) राष्ट्रपति भवन के रहवासियों के लिए ‘प्रणब मुखर्जी जन पुस्तकालय’ का उद्घाटन

(ii) राष्ट्रपति संपदा के अंतर्गत डॉ. राजेंद्र प्रसाद सर्वोदय विद्यालय में क्रिकेट मैदान का लोकार्पण

(iii) राष्ट्रपति भवन के अंदर श्री रामसुतार द्वारा निर्मित महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण, और

(iv) भारत के राष्ट्रपति की वेबसाइट से जुड़ी कुछ डिजिटल पहलों का शुभारंभ

राष्ट्रपति गुरुवार को राष्ट्रपति भवन में स्थापित नई वीडियो कान्फ्रेंसिग सुविधा के माध्यम से देश भर के राज्यपालों के साथ बातचीत करेंगे तथा मंत्रीपरिषद को रात्रिभोज देंगे।

पृष्ठभूमि :

प्रणब मुखर्जी जन पुस्तकालय

राष्ट्रपति संपदा में ढहाए जाने के लिए निर्धारित एक जीर्ण-शीर्ण इमारत की मरम्मत करके उसे राष्ट्रपति भवन संपदा के रहवासियों और उनके बच्चों के प्रयोग के लिए ‘प्रणब मुखर्जी—जन पुस्तकालय’ के रूप में परिवर्तित किया गया है। पूरी तरह से वातानुकूलित इस पुस्तकालय में सभी आयु समूह के पुरुषों एवं महिलाओं के लिए पुस्तकें, समाचार पत्र तथा पत्रिकाएं होंगी तथा एक बच्चों का विशेष खंड भी होगा। युवा विद्यार्थियों को प्रतिस्पर्धात्मक तथा अन्य परीक्षाओं की तैयारी के लिए वाचनालय जैसी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।

महात्मा गांधी की प्रतिमा

इस प्रतिमा का निर्माण महाराष्ट्र के 89 वर्षीय श्री राम सुतार ने किया है। एक निर्धन बढ़ई परिवार में जन्मे श्री सुतार को पत्थर, संगमरमर और कांस्य मूर्तिकला में महारथ हासिल है। उन्हें 1999 में पद्मश्री प्रदान किया गया था। उनके द्वारा बनाई गई प्रख्यात नेताओं की कांस्य प्रतिमाएं संसद, सरकारी भवनों और अन्य सार्वजनिक स्थानों को शोभायमान कर रही हैं।

डिजिटल पहलें

‘राष्ट्रपति का कार्यकाल : प्रथम वर्ष की झाकियां’ नामक वीडियो भारत के राष्ट्रपति की वेबसाइट पर दिया जाएगा। यह वीडियो राष्ट्रपति भवन और राष्ट्रपति संपदा में विगत एक वर्ष की महत्त्वपूर्ण घटनाओं का संकलन है।

राष्ट्रपति के रूप में श्री प्रणव मुखर्जी के कार्यकाल के प्रथम वर्ष के छाया चित्रों से युक्त एक डिजिटल फोटो लाइब्रेरी वेबसाइट पर दी जा रही है। अन्तत:, इस डिजिटल फोटो लाइब्रेरी में 1949 से गवर्नर जनरल राजगोपालाचारी और राष्ट्रपतियों के पुरालेखीय छायाचित्र शामिल किए जाएंगे। डिजिटल फोटो लाइब्रेरी का उद्देश्य पुराने छायाचित्रों के डिजिटाइजेशन के जरिए पुरालेख संरक्षण में मदद करना है और इसे चरणबद्ध ढंग से कार्यान्वित किया जाएगा। छायाचित्र, एक प्रयोक्ता सहायक इन्टरफेस के जरिए समारोह, तिथि और वयैक्तिक नाम के अनुसार उपलब्ध होंगे। इसमें नाम के द्वारा छायाचित्र खोजने में सक्षम एक शक्तिशाली खोज इंजन भी होगा। भविष्य में इसमें चेहरा पहचानने वाला फीचर होगा जो डाटाबेस में दिए गए चित्र से छायाचित्र खोजेगा और सभी समान चित्रों को दिखाएगा। पूर्ण होने पर डिजिटल फोटो लाइब्रेरी में 30 लाख से अधिक छायाचित्र का डाटाबेस होने की उम्मीद है।

लाइब्रेरी के दृश्य-श्रव्य खण्ड के चुनिंदा भाग सहित, राष्ट्रपति भवन की 1525 प्राचीन और दुर्लभ पुस्तकों की सूची जनता की सूचनार्थ वेबसाइट पर डाली जा रही है। लाइब्रेरी की सबसे प्राचीन पुस्तक 1795 की है, जिसका शीर्षक ‘द ओरिजिनल वर्क्स ऑफ विलियम होगार्थ’ है। पुस्तक सूची में गजेटियर, पंच के 1841 से 1930 तक के संस्करणों का पूरा सेट, भारत के गवर्नर जनरल की परिषद की कार्यवाही की जिल्दें तथा विख्यात साहित्यिक कृतियां शामिल हैं। दृश्य-श्रव्य खण्ड में ऐतिहासिक भाषण, न्यूजरील और वृत्तचित्र हैं, ये सभी वेबसाइट पर लिंक के माध्यम से उपलब्ध होंगे। इन्हें आकाशवाणी और फिल्म प्रभाग से प्राप्त किया गया है। पं. जवाहरलाल नेहरू द्वारा दिए गए ‘ट्रिस्ट विद डेस्टिनि’ तथा ‘डेथ ऑफ महात्मा गांधी’ जैसे दुर्लभ ऐतिहासिक भाषण तथा महात्मा गांधी, लॉर्ड माउंटबेटन, सी. राजगोपालाचारी, भारत के पूर्व राष्ट्रपतियों तथा अन्य प्रख्यात नेताओं के भाषण भी इस खण्ड में उपलब्ध होंगे। फिल्मों में स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास, स्वतंत्रता के दौरान की घटनाएं, लॉर्ड माउंटबेटन का भारत से प्रस्थान, महात्मा गांधी की अंत्येष्टि इत्यादि पर पुरालेखीय सामग्री शामिल होगी।

क्रिकेट मैदान

डॉ. राजेंद्र प्रसाद सर्वोदय विद्यालय में क्रिकेट मैदान को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के नवीनतम दिशा-निर्देशों के अनुसार तैयार किया गया है। इससे नर्सरी से कक्षा 12 तक के डॉ. राजेंद्र प्रसाद सर्वोदय विद्यालय के विद्यार्थियों को बेहतर क्रिकेट सुविधाएं प्राप्त होंगी। इस स्कूल की स्थापना 1949 में की गई थी और इसमें 60 अध्यापक व 1600 विद्यार्थी हैं।

यह विज्ञप्ति 1400 बजे जारी की गई।

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