राष्ट्रपति भवन : 20.02.2017
भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (20 फरवरी, 2017) नई दिल्ली में श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स के 90वें वर्षगांठ समारोह को संबोधित किया।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय उच्च शिक्षा संस्थानों की विश्व वरीयता पिछड़ी बनी हुई है। अनेक वर्ष के प्रयासों के बाद उन्हें संतुष्टि है कि कम से कम देश के तीन उच्च शिक्षा संस्थानों ने सर्वोच्च स्थान प्राप्त किया है। श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स नई दिल्ली श्रेष्ठ प्रदर्शन कर रहा है। इसे अब अपने लिए उत्कृष्टता के उच्च मानदंड स्थापित करने चाहिए।
अनुसंधान और नवान्वेषण के महत्व की ओर ध्यान दिलाते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि जर्मनी 2008 के वित्तीय संकट और यूरो जोन संकट से अप्रभावित अकेला देश था। इसका कारण इसके द्वारा देश में अनुसंधान और विकास की सुदृढ़ नींव तथा स्थापित किए गए विश्वस्तरीय संस्थान थे।
राष्ट्रपति ने कहा कि दशकों तक श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स ने शिक्षा को उभरते हुए राष्ट्र की आवश्यकताओं से जोड़ने तथा व्यवसाय और अर्थशास्त्र के क्षेत्र में आजीविका और पेशेवर कौशल विकसित करने की अत्यावश्यकता को पूरा किया है। यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि इसके संस्थापक सर श्री राम की संकल्पना एक ऐसे संस्थान का निर्माण करना था जो उद्योग, कारोबार और आर्थिक प्रशासन की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए युवाओं को प्रशिक्षित करे, अब पूरी तरह से पूर्ण हो रही है। आज हम उद्योग-शिक्षा जगत के समागम की बात करते हैं। इसका श्रेय श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स के संस्थापकों को जाता है जिन्होंने लगभग एक शताब्दी पहले अध्यापकों और विद्यार्थियों को वास्तविक उद्योग के अनुभव पर बल दिया था।
राष्ट्रपति ने कहा कि एक कक्षा वास्तविक जगत की सच्चाइयों और जटिलताओं को पूरा करने के लिए है। वास्तविक जीवन की स्थितियों की सैद्धांतिक जानकारी का प्रयोग और ऐसी परिस्थितियों के कारगर समाधान ढूंढना शैक्षिक क्षेत्र में सफलता की असली परीक्षा है। उन्हें प्रसन्नता है कि समय पर खरे उतरकर श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स ने ना केवल शैक्षिक उत्कृष्टता बनाए रखी है बल्कि ऐसे विद्यार्थी तैयार किए हैं जिन्होंने पेशेवर उत्कृष्टता प्राप्त की है।
यह विज्ञप्ति 17:00बजे जारी की गई।