राष्ट्रपति भवन : 01.04.2016
भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (01 अप्रैल, 2016) देहरादून में स्वामी राम हिमालय विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह में भाग लिया।
इस अवसर पर, राष्ट्रपति ने उन चिकित्सा,नर्सिंग और प्रबंधन विद्यार्थियों को बधाई दी जिन्हें आज स्वामी राम हिमालय विश्वविद्यालय से अपनी उपाधियां प्राप्त की। उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य का और भी बड़ा अर्थ है जब कोई यह जान लेता है कि हमारे देश में स्वास्थ्य लाभ और स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली का सदैव उच्च नैतिक आधार है। ऐसी प्रणाली का प्रमुख बल केवल रोगियों का कल्याण होना चाहिए। हमें स्वास्थ्य देखभाल को और अधिक वैज्ञानिक और कुशल बनाने के लिए समर्पित नर्सों, डॉक्टरों और प्रबंधकों की आवश्यकता है।
राष्ट्रपति ने कहा स्वामी राम एक बहुगुणी विभूति थे जिनका अपनी मातृभूमि और जन्मभूमि के साथ गहरा प्रेम था। यद्यपि अल्पायु में ही उन्हें करविरपीठम का शंकराचार्य बना दिया गया था परंतु उन्होंने अपने योग-ध्यानपूर्ण जीवन का अनुकरण करने के लिए इस उच्च आध्यात्मिक पदवी को त्याग दिया। उन्होंने एक नई विधा के रूप में समग्र स्वास्थ्य की स्थापना की जो एलोपैथिक दवाइयों के मुकाबले अधिक लाभप्रद थी। हिमालय अस्पताल ट्रस्ट संस्थान में उन्होंने पश्चिम की आधुनिक प्रौद्योगिकियों के साथ पौगर्वात्य के ज्ञान के संगम के महत्व पर बल दिया।
राष्ट्रपति ने कहा कि यह जानकर प्रसन्नता हुई कि 25 वर्ष पहले आरंभ हुई एक टीन के शैड में ओपीडी और ग्रामीण विकास के लिए एक छोटी सी कोठरी एक मनोरम नगर और विश्वविद्यालय में विकसित हो गई है। आज स्वामी राम हिमालय विश्वविद्यालय चिकित्सा,अर्धचिकित्सीय विज्ञान, परिचर्या, इंजीनियरी और प्रबंधन में गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा प्रदान कर रहा है। यह ग्रामीण इलाकों जिनमें उत्तराखंड के 1200 से ज्यादा गांव शामिल है, की सेवा करता है। यह स्वास्थ्य,शिक्षा और आय अर्जन कार्यक्रमों पर ध्यान देता है। यह 750 बिस्तरों वाले बहुउद्देशीय अस्पताल और अत्याधुनिक 250 बिस्तरों वाले केंसर केंद्र के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रहा है।
यह विज्ञप्ति 1740बजे जारी की गई।