राष्ट्रपति भवन : 28.07.2016
भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने सुप्रसिद्ध लेखिका और सामाजिक कार्यकर्ता श्रीमती महेश्वरी देवी के निधन पर शोक व्यक्त किया।
उनके पौत्र, श्री तथागत भट्टाचार्य को भेजे गए संदेश में राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘मुझे सुप्रसिद्ध लेखिका और सामाजिक कार्यकर्ता श्रीमती महेश्वरी देवी के निधन के बारे में सुनकर दु:ख पहुंचा है।
श्रीमती महेश्वरी देवी ने अपने उर्वर लेखन और अपूर्व शैली द्वारा बंगाली साहित्य को समृद्ध किया। वह सभी प्रकार की यातनाओं और अन्याय के विरुद्ध एक सशक्त आवाज थी। उनके लेखन दलितों के जीवन को प्रतिबिंबित करते थे और उनकी आवाज समाज के सामूहिक चेतना के रूप में दिखाई देती थी जिसमें न्याय और समानता की चाह बनी रहती थी। श्रीमती महेश्वरी देवी केवल मसलों के बारे में लिखकर चैन से नहीं बैठी। वे सामाजिक कार्य में सक्रियता से संलग्न रही और बंगाल के आदिवासियों के कल्याण के लिए अनुसंधान और संघर्ष करने में लगी रही। साभार देश द्वारा उन्हें उनके जीवन काल के दौरान अनेक बड़े पुरस्कारों से सम्मानित किया गया जिसमें साहित्य अकादमी अवार्ड, पदम श्री, जनपद अवार्ड और पदम विभूषण शामिल हैं। उनकी मृत्यु से भारत ने एक रचनात्मक प्रतिभा को खोया है जिसने साहित्य और समाज परिवर्तन में सघन योगदान दिया। परंतु उनके कार्य सदैव एक बेहतर भारत के निर्माण के लिए संधर्ष करने के लिए जनता को प्रेरित करते रहेंगे।
कृपया मेरी मार्मिक संवेदनाएं स्वीकार करें और अपने परिवार के सभी सदस्यों को भी दें। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि वह आपको और आपके परिवार के सदस्यों को इस अपूर्णीय क्षति को सहन करने के लिए शक्ति और साहस प्रदान करें। ’’
यह विज्ञप्ति 2030 बजे जारी की गई