राष्ट्रपति भवन : 25.02.2014
भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (25 फरवरी 2014) स्नातकोत्तर चिकित्सा तथा अनुसंधान संस्थान, डॉ राम मनोहर लोहिया अस्पताल, नई दिल्ली के छठे स्थापना दिवस समारोह में भाग लिया।
इस अवसर पर बोलते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि उपलब्धता, गुणवत्ता और वहनीयता के आवश्यक तीन सूत्रों पर आधारित स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली एक विकसित देश के लिए अनिवार्य शर्त है। भारत में स्वास्थ्य सेवा का विस्तार एक दीर्घकालीन प्रयास रहा है। राष्ट्रपति ने कहा कि फिर भी एक विश्वस्तरीय स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली जनसाधारण से अभी भी दूर है। उन्होंने चिकित्सा आपातकाल के दौरान लोगों को राहत प्रदान करने के लिए स्वास्थ्य बीमा तंत्र के कारगर ढंग से कार्य करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत लाभार्थी भर्ती होकर नकदी-रहित उपचार कराने का हकदार है। यह सुविधा व्यापक होनी चाहिए तथा इसे प्राथमिक, माध्यमिक और तृतीयक स्वास्थ्य सेवा में उपलब्ध होना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि हमें देश के प्रत्येक गरीब व्यक्ति तक इसके लाभ सुनिश्चित करने चाहिएं।
राष्ट्रपति ने कहा कि प्रौद्योगिकी संचालित स्वास्थ्य सेक्टर से सेवाओं की कुशल उपलब्धता संभव हो पाएगी। स्वास्थ्य सेवा, प्रौद्योगिक प्रयासों के लिए एक अधिक संभावनाओं वाला क्षेत्र है। बेहतर नुस्खों की खोज, उन्नत चिकित्सकीय उपकरणों के देश में ही उत्पादन तथा पोषण और रोग निगरानी तंत्रों के विकास ऐसे क्षेत्र हैं, जिनमें नवान्वेषी अनुसंधान की आवश्यकता है। राष्ट्रपति ने कहा कि स्नातकोत्तर चिकित्सा और अनुसंधान संस्थान जैसे प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थानों का कर्तव्य, युवा डॉक्टरों में मानवतावादी नजरिया पैदा करना तथा उन्हें चिकित्सा में मूल्य-आधारित आजीविका की ओर उन्मुख करना है। उन्होंने उम्मीद व्यक्त की कि यहां के डॉक्टर समाज की नि:स्वार्थ सेवा के उच्च उद्देश्य के अपने संकल्प पर दृढ़ रहेंगे।
यह विज्ञप्ति 1530 बजे जारी की गई।