राष्ट्रपति भवन : 05.09.2014
भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (05 सितम्बर 2014) शिक्षक दिवस के अवसर पर विज्ञान भवन, नई दिल्ली में देश भर से आए हुए शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए।
इस अवसर पर बोलते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षक विद्यार्थियों के आदर्श बनकर उनके जीवन को प्रभावित करते हैं। वह ऐसी मशाल हैं जो विद्यार्थियों को उनके पूरे विद्यार्थी जीवन में और कभी-कभी आगे भी मार्गदर्शन तथा प्रेरणा देती हैं। भारत को ऐसे सक्षम और इच्छुक शिक्षकों की जरूरत है जो आजकल दी जा रही शिक्षा के स्तर तथा गुणवत्ता में सुधार के लिए स्वयं को समर्पित कर सकें। शिक्षकों की शिक्षा की गुणवत्ता को उच्च करने की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका है जो शिक्षकों की गुणवत्ता का सीधा फल और परिणाम होता है।
राष्ट्रपति ने कहा कि ज्ञान प्राप्त करने की प्रक्रिया में एक उत्कृष्ट शिक्षक से जो फर्क पड़ता है वह युवा मस्तिष्कों में जिज्ञासा जागृत करने के लिए जरूरी है। आज हम भारत में अपने स्कूलों में शिक्षा तथा अभिगम के परिणामों की गुणवत्ता में सुधार की भारी चुनौती का सामना कर रहे हैं। ऐसा हमारे शिक्षकों के कौशल तथा ज्ञान के स्तर के उन्नयन तथा उन्हें राष्ट्र की प्रगति में समान हिस्सेदार के रूप में पूरी तरह शामिल किए बिना नहीं किया जा सकता।
इस अवसर पर मानव संसाधन विकास मंत्री,श्रीमती स्मृति ज़ुबिन ईरानी भी उपस्थित थी।
यह विज्ञप्ति 1405 बजे जारी की गई।