भारत के राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय सुरक्षा पुरस्कार (खान) प्रदान किए
राष्ट्रपति भवन : 20.03.2015

भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (20 मार्च, 2015) विज्ञान भवन, नई दिल्ली में श्रम और रोजगार मंत्रालय द्वारा आयोजित एक समारोह में वर्ष 2011 और 2012 के राष्ट्रीय सुरक्षा पुरस्कार (खान) प्रदान किए।

इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि सुरक्षा के क्षेत्र में, कानून, आत्म-विनियमन,सुरक्षा प्रबंधन में कामगार भागीदारी, तथा कार्यस्थल के जोखिम मूल्यांकन पर आधारित सुरक्षा प्रबंधन प्रणालियों सहित एक बहु-स्तरीय कार्यनीति के परिणामस्वरूप मृत्युदर में निरंतर कमी आई है। तथापि, नई-नई चुनौतियां सम्मुख हैं। विषम भू-खनन परिस्थितियों में खनन कार्यों की व्यापकता, यंत्रीकरण की सघनता और खनन गतिविधियों के विस्तार के कारण व्यावसायिक स्वास्थ्य और सुरक्षा के प्रबंधन मुद्दों के और जटिल होने की संभावना है। व्यावसायिक स्वास्थ्य और सुरक्षा चुनौतियों से खनन तथा कारोबार दोनों स्तर पर निपटना होगा। इन चुनौतियों को कम करने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी समाधानों का प्रयोग बढ़ाना आवश्यक है। खनन कार्य में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी की शुरुआत से उत्पादकता और वित्तीय फायदों के अलावा सुरक्षा में सुधार आ सकता है। एक अन्य महत्वपूर्ण कारक जिससे सुरक्षा मानकों में सुधार होगा और हादसे रूकेंगे, वह खनन कार्मिकों का प्रशिक्षण है।

राष्ट्रपति ने कहा कि खनिज उत्पादन की वृद्धि की सरकारी पहलों के लिए विशाल कुशल जनशक्ति होनी चाहिए जिसके लिए आधुनिक प्रशिक्षण सुविधाओं की जरूरत है। कामगारों की सुरक्षा की चिंताओं पर सर्वोच्च कारपोरेट स्तर पर ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने उम्मीद व्यक्त की कि राष्ट्रीय सुरक्षा पुरस्कार (खान) हमारे खान कामगारों के व्यावसायिक स्वास्थ्य और सुरक्षा मानकों में सुधार के लिए उत्प्रेरक बनेंगे।

यह विज्ञप्ति 18:40 बजे जारी की गई।

समाचार प्राप्त करें

Subscription Type
Select the newsletter(s) to which you want to subscribe.
समाचार प्राप्त करें
The subscriber's email address.