राष्ट्रपति भवन : 12.05.2014
भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (12 मई, 2014) राष्ट्रपति भवन में अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस पर नर्सिंग कार्मिकों को पुरस्कार प्रदान किए।
इस अवसर पर बोलते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि नर्सें भारत में स्वास्थ्य सेवा उद्योग से संद्ध सबसे बड़ा कार्यबल हैं। आजादी के बाद से नर्सिंग सेवाओं तथा उनकी क्षमता निर्माण में काफी विस्तार हुआ है तथा धीरे-धीरे उनकी भूमिकाओं और जिम्मेदारियों में कई गुना वृद्धि हुई है। इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ नर्सेस द्वारा चुना गया विषय ‘नर्सें : बदलाव की शक्ति—स्वास्थ्य के लिए अत्यावश्यक संसाधन’, पूरी तरह उपयुक्त है। परिषद ने यह सिफारिश ठीक ही की है कि भारत में नर्सिंग कार्यबल, बेहतर कार्यबल योजना, इसकी शिक्षा तथा कार्य परिवेश में सुधार के द्वारा तथा नर्सिंग के कार्यभार के आकलन तथा उसके समाधान की रचनात्मक प्रक्रिया के माध्यम से बदलाव का साधन हो सकता है।
राष्ट्रपति ने कहा कि नर्सें भारत में मौजूदा नर्सिंग नेटवर्क को मजबूत बनाने में सुनिश्चित सहभागिता कर सकती हैं। प्रशिक्षकों तथा प्रणाली नवान्वेषकों के रूप में वे बेहतर पद्धति को विकसित करने तथा जिन समुदायों में वह निवास और कार्य करते हैं, उन्हें शिक्षित करने में बहुत कुछ कार्य कर सकते हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत के स्वास्थ्य सेवा सुधार के क्षेत्र में व्यापक राष्ट्रीय उद्देश्यों के मद्देनजर, नर्सिंग समुदाय को, नीति विकास में योगदान देते हुए तथा यह सुनिश्चित करते हुए कि यह सही दिशा में विकसित हो और विभिन्न समुदायों की जरूरतों का ध्यान रखते हुए, और आगे बढ़ना होगा। उन्होंने आगे कहा कि वह नर्सिंग समुदाय को इसके लिए प्रोत्साहित करेंगे कि वे परिपाटियों का मॉडल फिर से तैयार करने और पद्धतियों को आधुनिक बनाने के कार्य से जुड़ें तथा चुनौतियों का सामना करने के लिए आगे आएं।
इस अवसर पर उपस्थित विशिष्टजनों में श्री गुलामनबी आजाद, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री, श्री ए.एच. खान चौधरी, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री तथा श्रीमती संतोष चौधरी, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री शामिल थे।
यह विज्ञप्ति 1250 बजे जारी की गई।