राष्ट्रपति भवन : 08.05.2014
भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (8 मई, 2014) राष्ट्रपति भवन में एक समारोह में भारत के अपने कार्ड भुगतान नेटवर्क ‘रुपे’ को राष्ट्र को समर्पित किया।
इस अवसर पर बोलते हुए राष्ट्रपति ने भारतीय रिजर्व बैंक को वर्ष 2005 में स्वदेशी प्रबंध के तहत इस सेवा की जरूरत की परिकल्पना की थी तथा इस कार्य को राष्ट्रीय भुगतान निगम को 2010 में इसकी स्थापना के तुरंत बाद सौंपा था। उन्होंने कहा कि एक पूरी तरह कार्यात्मक कार्ड भुगतान नेटवर्क को बनाने में प्राय: पांच से सात वर्ष लगते हैं। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम ने अप्रैल 2013 में ही रुपे सेवा नेटवर्क को आरंभ कर दिया था।
राष्ट्रपति ने कहा कि सर्जनात्मकता इस बात में निहित है कि जारीकर्ता बैंकों द्वारा उपभोक्ताओं की विशिष्ट जरूरतों को पूरा करने वाले उत्पादक विकसित किए जाएं। भारत जैसे विशाल देश में जिसकी अर्थव्यवस्था प्रगतिशील है, आने वाले वर्षों में भुगतान के लेन-देन की मात्रा, खासकर कार्ड के माध्यम से, काफी अधिक होगी। जैसे-जैसे अर्थव्यवस्था परिपक्व होगी तथा इंटरनेट की उपलब्धता बढ़ेगी, आज जो लेन-देन नकद अथवा चेक से होते हैं, वह धीरे-धीरे कार्ड पर आधारित लेन-देनों में बदलेंगे। रुपे जैसी स्वदेशी प्रणाली, भुगतान के माध्यम के रूप में न केवल नकदी और चेक पर निर्भरता को कम करेगी वरन् इससे देश के अंदर विभिन्न उपभोक्ता समूहों की विशिष्ट जरूरतों के आधार पर उत्पाद पेश करने में भी आसानी होगी।
राष्ट्रपति ने कहा कि अभी तक जारी किए गए सत्तर लाख कार्ड इस क्षमता का केवल अंश मात्र हैं। दुग्ध खरीद एजेंसियों द्वारा दुग्ध की खरीद के लिए जारी प्रीपेड कार्ड तथा पंजाब में खाद्यान्न खरीद एजेंसियों द्वारा जारी प्रीपेड कार्ड आदि कार्ड भुगतान तंत्र के कुछ अन्य संस्करण हैं, जिसका उपयोग केवल देश में विकसित भुगतान प्रणाली ही कर सकती है तथा उसका तेजी से क्रियान्वयन कर सकती है। इस प्रकार देश को रुपे का समर्पण, भारत में विकसित भुगतान प्रणाली की परिपक्वता तथा देश के निर्माण में भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम के योगदान का प्रतीक है।
राष्ट्रपति ने भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी को भी सम्मानित किया। उन्होंने रुपे कार्ड के संबंध में 17 बैंकों को उनके योगदान के लिए सराहना पट्टिकाएं भी प्रदान की।
इस अवसर पर उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों में श्री जी.एस. संधू, सचिव, वित्तीय सेवाएं, वित्त मंत्रालय, श्री के.आर. कामथ, अध्यक्ष, भारतीय बैंक एसोसियेशन तथा श्री बालाचंद्रन एम., अध्यक्ष, राष्ट्रीय भुगतान निगम उपस्थित थे।
यह विज्ञप्ति 1525 बजे जारी की गई।