राष्ट्रपति भवन : 01.08.2014
भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (1 अगस्त, 2014) कोलकाता में राष्ट्रीय जूट एवं प्राकृतिक रेशा अनुसंधान संस्थान द्वारा आयोजित प्राकृतिक रेशों पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर बोलते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि जूट सेक्टर के विकास के लिए सभी स्टेकधारकों का समन्वित प्रयास जरूरी है। जूट उत्पादों की छवि को सस्ती पैकेजिंग सामग्री से बदलकर विभिन्न तरह के प्रयोक्ताओं के लिए मूल्य संवर्धित उत्पादों के रूप में बनाने के लिए गंभीर प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि पर्यावरण के प्रति विश्व की चिंता तथा प्राकृतिक रूप से सड़ने वाले प्राकृतिक रेशों से बने उत्पादों के लिए उपभोक्ताओं की बढ़ती प्राथमिकता ने जूट के अधिक उपयोग के नए अवसर खोल दिए हैं। उन्होंने कहा कि आमतौर से जूट की खेती तथा विशेषतौर से फसल कटाई के बाद की प्रौद्योगिकी को, प्रौद्योगिकी सहयोग एवं प्रसार क्रियाकलापों में सहायता की विशेष जरूरत है।
राष्ट्रपति ने कहा कि जूट एवं संबंधित रेशों पर केंद्रित यह अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन इन प्राकृतिक रेशों की संभावनाओं को समझने की दिशा में एक सही कदम है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह मंच इन रेशों के अधिकाधिक उपयोग सुनिश्चित करने की दिशा में सभी जरूरी मुद्दों पर विचार करेगा। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक रेशों से जुड़े विभिन्न स्टेकधारकों के एक स्थान पर जुड़ने से जूट सहित हमारे प्राकृतिक रेशा संसाधनों के सार्थक उपयोग के लिए अवसर तथा कार्यनीति तय करने में सहायता मिलेगी।
यह विज्ञप्ति 1915 बजे जारी की गई।