राष्ट्रपति भवन : 20.03.2017
भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (20 मार्च, 2017) नई दिल्ली में राजस्थान पत्रिका द्वारा आयोजित मुद्रण पत्रकारिता में उत्कृष्टता के लिए केसीके अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि पत्रकारिता का हमारे देश में एक दीर्घ इतिहास रहा है। यह स्वतंत्रता संघर्ष और समाज सुधार के साथ घनिष्ठता से जुड़ा रहा है। पत्रकारों और पत्रकारिता ने देश के सामाजिक पुनर्जागरण आंदोलन तथा स्वतंत्रता संघर्ष में एक अनुकरणीय भूमिका निभाई। भारतीय पत्रकारिता का इतिहास प्रगतिशील सुधार, सामाजिक पुनर्जागरण और उपनिवेश विरोधी रहा है। 1819 में राजा राममोहन राय द्वारा प्रकाशित संवाद कौमुदी से लेकर समाचार चंद्रिका और मिरात उल अखबार तक और बाद में महात्मा द्वारा संपादित हरिजन और यंग इंडिया तथा विभिन्न प्रकाशनों के माध्यम से भारतीय समाज और राष्ट्रीयता के विकास में मुद्रण पत्रकारिता ने बहुत योगदान दिया था।
राष्ट्रपति ने कहा कि मुद्रण पत्रकारिता का अपना प्रभाव था क्योंकि पत्रकार अपने स्तंभों/कहानियों/टिप्पणियों आदि के माध्यम से पाठकों के मन में एक स्थाई जगह बना लेते हैं। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी के बढ़ते प्रयोग से मीडिया का विस्तार हुआ है तथा सामाजिक मीडिया का प्रभाव भी वर्षों के दौरान बढ़ा है।
राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें विशिष्ट विजेताओं को मुद्रण पत्रकारिता में उत्कृष्टता के लिए केसीके अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान करने का अवसर प्राप्त करके प्रसन्नता हुई। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इससे दूसरे लोग उनके पथ का अनुकरण करने के लिए प्रेरित होंगे और उन्होंने उनके भावी प्रयासों में सफलता के लिए शुभकामनाएं दीं।
यह विज्ञप्ति 1600 बजे जारी की गई।