भारत के राष्ट्रपति ने ‘इंडियन फैमिली बिजनेस मंत्राज’ पुस्तक की प्रथम प्रति ग्रहण की
राष्ट्रपति भवन : 28.10.2015

भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (28अक्तूबर, 2015) राष्ट्रपति भवन में ‘इंडियन फैमिली बिजनेस मंत्राज’पुस्तक की प्रथम प्रति श्री एम. वैंकेया नायडू, केंद्रीय शहरी विकास मंत्री, आवास और शहरी निर्धनता,उपशयन तथा संसदीय कार्य मंत्री, जिन्होंने इसका औपचारिक विमोचन किया था, से ग्रहण की। श्री पीटर लीच और श्री तत्वंअसि दीक्षित इसके सहलेखक हैं।

इस अवसर पर राष्ट्रपति ने लेखकों, श्री पीटर लीच और श्री तत्वंअसि दीक्षित को उनकी पुस्तक ‘इंडियन फैमिली बिजनेस मंत्राज’के लिए बधाई दी और समुदाय को भारतीय परिवार के कारोबारी कामकाज की जानकारी देने और उन्हें समर्थ बनाने के इस प्रयास की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि परिवार और व्यवसाय प्राचीन काल से परस्पर संबद्ध हैं। एक ओर जहां परिवार सबसे पुरातन मौजूदा प्रणाली है,पारिवारिक व्यवसाय प्राचीनतम मौजूदा आर्थिक प्रणाली है। व्यवसाय इतिहास इस वास्तविकता का साक्षी है कि बहुधा देशों का पारिवारिक व्यवसाय है जो अपने-अपने देशों के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। आज भी पारिवारिक व्यवसाय हमारे देश के घरेलू विकास उत्पाद में 60-70 प्रतिशत और रोजगार में 40-50 प्रतिशत योगदान देते हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि ‘इंडियन फैमिली बिजनेस मंत्राज’पुस्तक में लेखकों ने पारिवारिक व्यवसाय के जीवन-चक्र की बारीकियों का स्पष्ट विवरण दिया है। पुस्तक में दिए गए वास्तविक जीवन के उदाहरण व्यवसायिक परिवारों की प्रभावी रूप से स्वयं का प्रबंधन, परिवार के रूप में संघर्ष और चुनौतियों से निपटने तथा व्यावसायिक परिवार के सदस्यों के रूप में एक जुट रहने के कार्यनीतिक महत्व की सार्थक अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं। यह पुस्तक व्यावसायिक परिवार के प्रबंधन हेतु एक संपूर्ण नया आयाम प्रस्तुत करने के लिए पश्चिमी संदर्भ के साथ भारतीय दर्शन को मिलाती है।

यह विज्ञप्ति 18:45 बजे जारी की गई।

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