राष्ट्रपति भवन : 02.08.2014
भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (22 अगस्त, 2014) को कोलकाता में इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स की वार्षिक आम बैठक को संबोधित किया।
इस अवसर पर, राष्ट्रपति ने कहा कि भारत की विकास की गाथा अभी जारी है। भारत के योजना आयोग का पिछला पूर्वानुमान था कि 12वीं योजना अवधि (2012-2017) के दौरान देश में संयोजकता तथा वाणिज्य बढ़ाने के लिए बुनियादी ढांचों में निवेश को 1 ट्रिलियन से ज्यादा बढ़ाना होगा। उनका कहना था कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि इस विशाल निवेश का अधिकतर हिस्सा निजी क्षेत्र या निजी-सार्वजनिक साझेदारियों के जरिए किया जाएगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा, विशेषकर उच्च तकनीकी शिक्षा तथा कौशल विकास ऐसे क्षेत्र हैं जिनपर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि भारत को एक प्रगतिशील राष्ट्र बनाने के लिए, हमें न केवल सरल घरेलू उत्पाद में उच्च वृद्धि बल्कि शैक्षिक और स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों की आवश्यकता है, जिससे विकास सतत और समावेशी हो सके। हमें भावी चुनौतियों का समाना करने में सक्षम कुशल पेशेवरों का समूह तैयार करने के लिए ठोस कौशल विकास कार्यक्रमों और आधारभूत ढांचे की भी आवश्यकता है।
यह विज्ञप्ति 1540 बजे जारी की गई।