राष्ट्रपति भवन : 04.02.2014
भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (04 फरवरी, 2014) फिक्की ऑडिटोरियम, नई दिल्ली के एशिया-अफ्रीका एग्री बिजनेस फॉरम का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर बोलते हुए, राष्ट्रपति ने कहा, ‘विश्व की चौदह प्रतिशत जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करने वाली एक बिलियन जनता, अभी भी भूख से ग्रस्त है। इसमें से अधिकांश एशिया और अफ्रीका से हैं। इसे और जारी नहीं रखा जा सकता। खाद्य उत्पादन के कार्य को खास तरीके से; युद्ध स्तर पर करना होगा’।
राष्ट्रपति ने कहा कि कृषि फसलों तथा खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के विकास पर ध्यान देने से कृषि सेक्टर के समग्र विकास को जरूरी प्रोत्साहन मिल सकता है। अफ्रीका में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के विकास से लाभ उठाने की बहुत क्षमता है। भारत विभिन्न फसलों के कटाई के बाद के प्रबंधन में प्रशिक्षण प्रदान सकता है तथा विश्व स्तर के अनुरूप पैकेजिंग प्रौद्योगिकी विकसित करने में सहायता दे सकता है। भारत के पास मूल्य श्रृंखला के हर स्तर के लिए अपेक्षित विशेषज्ञता है तथा वह इनके विकास में अफ्रीकी देशों की सहायता दे सकता है। कृषि बाजारों तथा वित्त तक उनकी पहुंच तथा एशिया और अफ्रीका में विशाल कृषि व्यवसाय तथा खाद्य प्रसंस्करण सेक्टर में अधिक सार्वजनिक-निजी साझीदारी उनकी क्षमता के पूर्ण उपयोग के लिए जरूरी है।
राष्ट्रपति ने कहा कि इस बात पर आत्म-मंथन करने की जरूरत है कि कृषि श्रमिकों तथा विशाल आकार में खेती के योग्य भूमि उपलब्ध होने के बावजूद बहुत से एशियाई और अफ्रीकी देशों में खाद्यान की कीमतों में अत्यधिक वृद्धि क्यों हुई है। इन कठिनाईयों को व्यवसाय के अवसरों में बदलने की चुनौती है। दोनों महाद्वीपों को अपने समक्ष इन चुनौतियों पर एक दूसरे पर आश्रित सहयोग के द्वारा विजय पाने की जरूरत है। इस साझीदारी का लक्ष्य कृषि-व्यवसाय सेक्टर को ऐसे कुशल व्यवसाय उद्यम के रूप में विकसित करने का होना चाहिए जो दूसरे अंतरराष्ट्रीय बाजारों से प्रतिस्पर्धा कर सकें। उन्होंने कहा कि यह जानकर खुशी होती है कि इस व्यवसाय फॉरम की कार्यसूची में नए व्यवसाय साझीदारियों का गठन, अच्छी परिपाटियों तथा नई प्रौद्योगिकियों को साझा करने तथा परियोजना वित्त और वित्तीय सहयोग के विकल्पों का पता लगाना शामिल है।
यह विज्ञप्ति 1810 बजे जारी की गई।