राष्ट्रपति भवन : 22.12.2015
भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी आज (22दिसम्बर, 2015) को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो- साईंसेज (नीमहैन्स) बंगलोर राष्ट्रीय महत्व के संस्थान के रूप में देश को समर्पित किया। उन्होंने इस अवसर पर मैगनेटो ऐंसीफेलोग्राफी रिसर्च सेंटर और निमहैन्स हेरिटेज म्यूजियम का उद्घाटन भी किया।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि विश्व में आज यह समझ बढ़ रही है कि मानसिक स्वास्थ्य के बगैर स्वास्थ्य सही नहीं हो सकता। भारत की प्रथम व्यापक मानसिक स्वास्थ्य नीति पिछले अक्तूबर में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर अधिसूचित की गई थी,जिसमें मानसिक स्वास्थ्य के अनेक पहलू शामिल हैं। मानसिक रूप से रोगी व्यक्तियों के अधिकार,देखभाल करने वालों को समर्थन की आवश्यकता,आत्महत्या का गैर अपराधिकरण और अन्य प्रगतिशील नीति पहल। ‘मानसिक स्वास्थ्य कार्रवाई योजना 365’ में केंद्रीय सरकार,राज्य सरकार, स्थानीय निकायों और सिविल समाज की विशिष्ट भूमिका निहित है।
राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करे कि मानसिक स्वास्थ्य देखभाल और वितरण के क्षेत्र में मानव संसाधन विकास को विधिवत प्राथमिकता दी जा रही है। हमें भी मानसिक स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं के वितरण में संवर्धन के लिए पद्धतिबद्ध नए तरीके खोजने की आवश्यकता है। मानसिक रूप से रोगी व्यक्तियों द्वारा किए गए अनुभव के कलंक को मिटाना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे उपेक्षा और अधिकारहीनता के पात्र नहीं हैं।
राष्ट्रपति ने इस बात पर खुशी व्यक्त की कि निमहैन्स ने अनेक प्रकार की पहलें की हैं जैसे कि ब्रेन बैंक सेट अप करना,अपने आउटपेशेंट ब्लॉक में एक मुक्त कानूनी सहायता क्लीनिक,सेंटर फॉर वेल बीइंग, सेंटर फॉर पब्लिक हेल्थ एंड सेंटर फॉर एडिक्शन मैडिसिन आदि। उन्होंने कहा कि ये नवीनताएं और निमहैन्स कम्यूनिटी मेंटल हेल्थ एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर एण्ड नयूरोबायोलॉजी रिसर्च सेंटर सफल मॉडल हैं जो देश के दूसरे भागों में भी गठित किए जा सकते हैं।
यह विज्ञप्ति 16:55बजे जारी की गई।