राष्ट्रपति भवन : 04.09.2012
भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज राष्ट्रपति भवन में डी टी यू यात्री सौर कार को रवाना किया।
दिल्ली प्रौद्योगिकीय विश्वविद्यालय की एक टीम ने यात्री सौर कार को अभिकल्पित और विकसित किया है। इस टीम में दिल्ली प्रौद्योगिकीय विश्वविद्यालय के इलैक्ट्रानिक्स एंड कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के श्री धीरज मिश्रा के नेतृत्व में मैं स्नातक पाठ्यक्रमों के विद्यार्थियों का एक अंतर विधात्मक समूह शामिल था।
120 किमी. प्रति घंटे की उच्च गति, शून्य कार्बन उत्सर्जन, पूरी तरह पर्यावरण सहायक और सीडान आकार की, दो यात्रियों के बैठने की क्षमता वाली इस सौर कार में तीन सीटें और जोड़ी जा सकती हैं और कार का वजन कम करने और प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए बॉडी को विशेष गे्रड के मैट फाइबर से बनाया गया है। 21.4 प्रतिशत दक्षता के मोनो क्रिस्टेलाइन सोलर सिलिकॉन सैल्ज के लचीले मॉड्यूल को अधिक से अधिक सौर ऊर्जा को सोखने के लिए ढांचे के ऊपर चारों ओर लगाया गया है। सौर मॉड्यूलों से कुल मिलाकर 820 वाट पैदा होती है।
इस अवसर पर, डी टी यू के कुलपति प्रो. पी.बी. शर्मा ने कहा कि भारत में ऑटोमोबाइल का भविष्य सौर विद्युत और हाइब्रिड वाहनों में छिपा हुआ है। उन्होंने उल्लेख किया कि डी टी यू भारत के सौर चालित वाहनों और सौर विद्युत उत्पादन प्रणालियों को सशक्त बनाने के प्रति पूर्ण प्रतिबद्ध है। सौर कार के क्षेत्र में नवान्वेष्ण 2011 में आस्ट्रेलिया में आयोजित विश्व सोलर चैलेंज में भाग लेने के लिए भारत की प्रथम सौर कार तैयार करने वाली विश्वविद्यालय की टीम से शुरू हुआ।
यह विज्ञप्ति 1645 बजे जारी की गई