राष्ट्रपति भवन : 12.12.2013
भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने कल (11 दिसंबर, 2013) अपने जन्मदिवस के अवसर पर लेखकों, कलाकारों और नवान्वेषक विद्वानों के लिए नवान्वेषी ‘आवासी’ कार्यक्रम आरंभ किया। उन्होंने राष्ट्रपति भवन के रहवासियों के लिए स्मार्ट पहचान-पत्र जारी करने की एक योजना भी शुरू की।
‘आवासी’ कार्यक्रम सभी भारतीय नागरिकों के लिए खुला है जिसका लक्ष्य लेखकों और कलाकारों को एक महीने के लिए राष्ट्रपति भवन में ठहरने और राष्ट्रपति भवन के जीवन का हिस्सा बनने का अवसर प्रदान करना है। यह पहल राष्ट्रपति भवन के रमणीय और मनोरम वातावरण में प्रकृति के सान्निध्य में रहने की सुविधा प्रदान करके युवा और उदीयमान लेखकों और कलाकारों को प्रोत्साहित करने का एक प्रयास है। कार्यक्रम का उद्देश्य एक ऐसा वातावरण प्रदान करना है जो रचनात्मक चिंतन को प्रोत्साहित करेगा और कलात्मक भावों को जाग्रत करेगा। योजना के तहत चुनिंदा लेखकों/कलाकारों के साथ विचार-विमर्श करके अध्ययन सत्रों, कलाकृतियों की प्रदर्शनी तथा राष्ट्रपति भवन के निवासियों के साथ संवाद आदि जैसी अनेक गतिविधियां आयोजित की जाएंगी।
कला और साहित्य के क्षेत्र में सुस्थापित प्रतिष्ठा वाले व्यक्ति आवेदन कर सकते हैं। राष्ट्रीय/राज्य पुरस्कार विजेता लेखकों/कलाकारों को प्राथमिकता दी जाएगी। इस योजना के तहत प्रत्येक वर्ष अधिकतम चार लेखक/कलाकारों को चुना जाएगा।
आवासी ‘नवान्वेषण विद्वान’ कार्यक्रम का लक्ष्य जमीनी स्तर के नवान्वेषण को और गति प्रदान करना है। राष्ट्रपति भवन में, मुगल उद्यान खुलने के दौरान प्रत्येक वर्ष जमीनी स्तर के नवान्वेषण की एक प्रदर्शनी आयोजित की जाती है। राष्ट्रपति प्रत्येक दो वर्ष में जमीनी स्तर के नवान्वेषणों के लिए पुरस्कार प्रदान करते हैं। वह केंद्रीय विश्वविद्यालयों/राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थानों से नवान्वेषण क्लब स्थापित करने के लिए भी आग्रह करते रहे हैं। इस नई योजना के अंतर्गत चार ‘नवान्वेषक विद्वानों’ को राष्ट्रपति भवन में एक महीने रहने के लिए आमंत्रित किया जाएगा। उन्हें अपनी परियोजनाओं पर काम करने का अथवा नवान्वेषी विचारों को आगे बढ़ाने के लिए माहौल मुहैया करवाया जाएगा। उन्हें सम्बद्ध संस्थानों के साथ संबंध स्थापित करने के लिए सहायता तथा परामर्श और सहयोग भी प्रदान किया जाएगा।
स्मार्ट परिचय-पत्र एक ई-शासन पहल है। कार्ड में बायोमीट्रिक सूचनाएं होंगी और सुरक्षा से समझौता न करते हुए निवासियों की आसानी से पहचान हो पाएगी।
इस अवसर पर बोलते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि राष्ट्रपति भवन की ऐतिहासिक इमारत सदैव जनता के लिए कौतूहल का विषय बनी रही है। राजाजी और राष्ट्रपति राजेन्द्र प्रसाद जैसे पूर्व राष्ट्रपतियों ने भारत की जनता के लिए राष्ट्रपति भवन को खोलने के कदम उठाए हैं। वह इसे जारी रखना चाहेंगे। ‘आवासी’ कार्यक्रम सर्जनात्मक व्यक्तियों को चिंतन और मनन करने का एक अनुकूल माहौल प्रदान करने में मदद करेगा। इससे उदीयमान लेखकों और कलाकारों को अपनी रचनात्मक प्रतिभा का विस्तार करने में मदद मिलेगी। उन्होंने उम्मीद व्यक्त की कि इस कार्यक्रम से राष्ट्रपति भवन में आवासी कार्यक्रम के दौरान सृजित कला एवं साहित्य के जरिए सौंदर्य संबंधी और सामाजिक लाभ मिलेगा। यह नवान्वेषकों को, संस्थानों के साथ आवश्यक सम्बन्ध बनाने में भी मदद करेगा ताकि उनके नवान्वेषी विचारों को प्रोत्साहन और सहयोग दिया जा सके।
‘आवासी’ कार्यक्रम का पूर्ण विवरण और आवेदन का प्रारूप भारत के राष्ट्रपति की वेबसाइट http://presidentofindia.nic.in पर उपलब्ध है। आवेदन प्राप्त करने की अंतिम तिथि 15 जनवरी, 2014 है।
यह विज्ञप्ति 1620 बजे जारी की गई।