राष्ट्रपति भवन : 08.09.2016
भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (08 सितंबर, 2016) मुख्य अतिथि के रूप में 50वें अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस समारोह में भाग लिया।
इस अवसर पर, राष्ट्रपति ने कहा कि बिना जन समूह की भागीदारी के संपूर्ण साक्षरता संभव नहीं है। यदि हम प्रत्येक दूसरे को पढ़ाओ के सिद्धांत का अनुसरण करेंगे तभी इस दिशा में सफलता प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने कहा कि भारत में निरक्षरों की बहुत बड़ी संख्या बनी हुई है। हमें महत्वपूर्ण क्षेत्रों की पहचान करनी होगी ताकि हम तेजी से 100 प्रतिशत साक्षरता प्राप्त कर सकें। उन्होंने कहा कि साक्षरता अभियान एक निरंतर चक्र है क्योंकि यह ना केवल लोगों को साक्षर बल्कि उन्हें साक्षर बनाए रखने के लिए भी आवश्यक नियमित कार्य है।
राष्ट्रपति ने कहा कि सतत विकास के लिए 2030 कार्यसूची के कार्यान्वयन के अलावा यूनेस्को आजीवन शिक्षण के आधार के रूप में साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए ‘साक्षरता के लिए विश्व गठबंधन’ भी आरंभ कर रहा है। भारत को इन वैश्विक पहलों के अनुरुप अपने प्रयासों को तेज और समन्वित करना होगा। उन्होंने इन कार्यक्रमों की सफलता के लिए शुभकामनाएं दीं।
इस अवसर पर मौजूद गणमान्यों में श्री प्रकाश जावड़ेकर, केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री, श्री शिगेरू आयोगी, निदेशक तथा भारत, भूटान, मालदीव और श्रीलंका के लिए यूनेस्को के प्रतिनिधि तथा डॉ. सुभाष चंद्र खूंटिया, सचिव, विद्यालय शिक्षा और साक्षरता विभाग उपस्थित थे।
यह विज्ञप्ति 1635 बजे जारी की गई।