राष्ट्रपति भवन : 20.05.2015
भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (20 मई, 2015) राष्ट्रपति भवन में भारतीय पर्वतारोहण प्रतिष्ठान द्वारा आयोजित 1965में माउंट एवरोस्ट पर भारत के प्रथम ऐतिहासिक आरोहण के स्वर्ण जयंती समारोह का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर बोलते हुए, राष्ट्रपति जी ने कहा कि वर्षों के दौरान भारतीय पर्वतारोहियों ने न केवल उच्चतम चोटियों पर चढ़कर बल्कि हमारी वीर सशस्त्र सेनाओं, जिसमें भारत तिब्बत सीमा पुलिस भी शामिल है, के सिपाहियों के रूप में खुद की अलग जगह बनाई है। इनमें से बहुतों ने कारगिल संघर्ष के दौरान उत्कृष्ट सेवा की तथा हिम्मत और धैर्य के साथ हमारी उच्चतम चोटियों की रक्षा करते रहे। इन महान उपलब्धियों सहित, एवरेस्ट की प्रथम विजय तथा बछेन्द्री पाल, प्रथम भारतीय महिला द्वारा इसकी विजय ने पाठ्य पुस्तकों में जगह पाई है तथा वर्षों के दौरान बहुत सी पीढ़ियों को प्रेरित किया है।
राष्ट्रपति जी ने कहा कि 1965 के पर्वतारोहण अभियान को प्रायोजित करने वाला भारतीय पर्वतारोहण प्रतिष्ठान अब बहुत विकसित हो गया है तथा अब ऐसा संस्थान बन चुका है जिसकी ओर सभी साहसिक खेल प्रेमी मार्गदर्शन के लिए देखते हैं। इसने अपने दायित्वों के निर्वाह में सदैव व्यापक तथा सर्वांगीण नजरिया अपनाया है। पिछले वर्षों के दौरान भारतीय पर्वतारोहण प्रतिष्ठान हिमालय में पर्यावरण संरक्षण कार्यों से जुड़ा रहा है। इस दिशा में इसके द्वारा की जाने वाली इससे बड़ी कोई सेवा नहीं हो सकती कि यह हिमालय के पारितंत्र तथा हिमालय के पर्यावरण के संरक्षण में लगा है। उन्होंने इस बात पर खुशी व्यक्त की कि पर्वतारोहण बिरादरी ने शुरू से ही महिलाओं को इस खेल में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया है।
राष्ट्रपति जी ने इस ऐतिहासिक अभियान के सभी जीवित सदस्यों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी तथा इस अभियान के उन बहुत से साहसी पर्वतारोहियों को श्रद्धांजलि दी जो अब हमारे बीच नहीं है। उन्होंने उन सभी पर्वतारोहियों को श्रद्धांजलि दी जिन्होंने वर्षो के दौरान एवरेस्ट पर्वत पर चढ़ने के साहसी प्रयासों में अपनी जान दी। उन्होंने 1965 एवरेस्ट अभियान के सदस्यों,भारतीय पर्वतारोहण प्रतिष्ठान तथा संपूर्ण पर्वतारोहण समुदाय को बहुत से वर्षों के दौरान देश की सेवा में लगे रहने की कामना की। उन्होंने कहा कि उनपर हमारे युवाओं में ऐसे मूल्यों और चरित्र का समावेश करने का दायित्व है जो अच्छे पर्वतारोही तथा उनके द्वारा हमारे गणतंत्र के अच्छे नागरिक बना सकें।
यह विज्ञप्ति 1430 बजे जारी की गई।