राष्ट्रपति भवन : 11.11.2016
भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी दूसरसे कुलाध्यक्ष सम्मेलन अर्थात् उच्च शिक्षा के उप-कुलपतियों/निदेशकों/महानिदेशकों के सम्मेलन का आयोजन करेंगे जिसमें वे 16-18 नवम्बर, 2016 तक राष्ट्रपति भवन में कुलाध्यक्ष होंगे।
यह ऐसा दूसरा अवसर है जब राष्ट्रपति मुखर्जी द्वारा उच्च शिक्षा संस्थानों के सभी प्रमुखों को एक मंच पर लाने के लिए एक सम्मेलन बुलाया जा रहा है। इससे पहले केंद्रीय विश्वविद्यालयों के कुलाध्यक्षें, एनआईटी, आईआईटी, आईआईएसईआर और आईआईएससी के निदेशकों के अलग अलग सम्मेलन आयोजित किए जाते थे।
कुलाध्यक्ष सम्मेलन की कार्यसूची में शामिल हैं : (क) विश्वस्तरीय उच्च शिक्षा संस्थानों का सृजन; (ख) अनुसंधान नवान्वेषण और प्रौद्योगिकी विकास के लिए संस्थानों के वैश्विक संयोजन का निर्माण; (ग) भारत को उच्च शिक्षा का एक पसंदीदा गंतव्य बनाना; (घ) अध्ययन के प्रौद्योगिकी-प्रेरित प्रतिरूप और (ङ) उच्च शिक्षा के वित्त पोषण विकल्प।
सम्मेलन के प्रथम दिन, राष्ट्रपति केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय, श्री प्रकाश जावड़ेकर और प्रो. डी. सहस्रबुद्धि, अध्यक्ष, एआईसीटीई की उपस्थिति में राष्ट्रीय छात्र स्टार्टअप नीति लांच करेंगे। राष्ट्रीय छात्र स्टार्टअप नीति एआईसीटीई द्वारा प्रौद्योगिकी संचालित छात्र स्टार्टअप को प्रोत्साहन देकर राष्ट्र की सामाजिक आर्थिक प्रगति में भारतीय युवाओं को योगदान देने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से तैयार की गई है। उद्यमिता में एक्सपोज़र के द्वारा, यह नीति छात्रों द्वारा निर्णय लेने जैसी महत्त्वपूर्ण व्यवहार कुशलता में काम आएगी। इसी दिन, के.वी. कामथ, अध्यक्ष, न्यू डेवलेपमेंट बैंक; श्रीमती इला रमेश भट्ट, संस्थापक, सेवा; प्रो. रामचन्द्र गुहा, इतिहासकार; श्री एन.आर. नारायण मूर्ति, संस्थापक, इंफोसिस जैसे प्रख्यात व्यक्ति भागीदारों को संबोधित करेंगे। सम्मेलन के प्रथम दिन इंडस्ट्रीय-अकादमिया सत्र भी होगा जहां उद्योग और संकायों के प्रख्यात व्यक्ति भाग लेंगे। इस अवसर पर 32 केंद्रीय संस्थान और 65 उद्योग संगठन 68 समझौता ज्ञापनों का आदान-प्रदान करेंगे।
सम्मेलन के दूसरे और तीसरे दिन, पैनल चर्चा और सम्मेलन के एजेंडा मदों पर और राष्ट्रपति भवन को एक स्मार्ट टाउनशिप में बदलने और स्मार्ट माडल ग्राम प्रोजेक्ट के द्वारा चुनिंदा गांवों के अनुभव शेयर करने पर समूह कार्य होंगे।
राष्ट्रपति मुखर्जी उच्च शिक्षा के 126 केन्द्रीय संस्थानों में कुलाध्यक्ष हैं। राष्ट्रपति भवन में सम्मेलनों ने केंद्रीय संस्थानों के प्रमुखों को संस्थानों के प्रमुखों को महत्त्वपूर्ण मदों के समूह पर विचार रखने का अवसर दिया हैजो भारत में उच्च शिक्षा क्षेत्र को प्रभावित करता है। विचार-विमर्श से परिणामस्वरूप संस्तुतियों और कार्रवाई बिंदुओं का प्रशासनिक मंत्रालयों, विनियामक एककों, उच्च शिक्षा संस्थानों और अन्य संबंधितों द्वारा अनुपालन किया जाता है। इससे पिछले चार वर्षों में हमारे संस्थानों और हमारे देश की उच्च शिक्षा प्रणाली में महत्त्वपूर्ण सुधार आया है।
यह विज्ञप्ति 1740 बजे जारी की गई