राष्ट्रपति भवन : 30.06.2014
राष्ट्रपति भवन की आवासी नवान्वेषण विद्वान स्कीम के तहत पांच नवान्वेषण विद्वान कल (1 जुलाई, 2014) से बीस दिनों तक राष्ट्रपति भवन में रहेंगे।
जो नवान्वेषक राष्ट्रपति भवन में रहेंगे वे हैं, श्री गुरमेल सिंह ढींढसा, जिन्होंने रेपिड कम्पोस्ट एयरेटर तथा वृक्ष छंटाई यंत्र का आविष्कार किया है, श्री धर्मवीर काम्बोज, जिन्होंने मल्टीपरपज प्रोसेसिंग मशीन का आविष्कार किया है, सुश्री मनीषा मोहन, जिन्होंने सोसाइटी हार्नेसिंग उपस्कर का अविष्कार किया है, श्री एफ.बी. अविनाश, जिन्होंने सेल्फ क्लीनिंग फंक्शनल मोलेक्यूलर मैटीरियल का आविष्कार किया है तथा श्री टेनिथ आदित्य, जिन्होंने बनाना लीफ टेक्नोलॉजी तथा एडजस्टेबल इलैक्ट्रिसिटी एक्सटेंशन बोर्ड का अविष्कार किया है।
राष्ट्रपति भवन में रहने के दौरान नवान्वेष्क उत्पाद के विकास को संभव सहयोग तथा अपने उत्पादों के व्यावसायीकरण के लिए संबंधित मंत्रालयों, अनुसंधान संस्थानों आदि के साथ संवाद स्थापित करेंगे।
आवासी नवान्वेषण विद्वान योजना को भारत के राष्ट्रपति द्वारा 11 दिसम्बर, 2013 को नवान्वेषण की भावना को बढ़ावा देने तथा जमीनी नवान्वेषण कार्यकलापों को और अधिक प्रोत्साहित करने के विचार से आरंभ किया गया था। इस योजना का मुख्य उद्देश्य अपनी परियोजना पर कार्य करने तथा अपने नवान्वेषी विचारों को आगे बढ़ाने के लिए जमीनी नवान्वेषकों को एक माहौल प्रदान करना है। इसका लक्ष्य, नवान्वेषण करने की उनकी क्षमता बढ़ाने के लिए तकनीकी संस्थानों से सम्पर्क उपलब्ध करवाना तथा ऐसी मानीटरिंग और सहयोग उपलब्ध कराना है जिससे समाज की प्रगति और कल्याण के लिए नवान्वेषणों का प्रयोग किया जा सके।
यह विज्ञप्ति 1630 बजे जारी की गई।