राष्ट्रपति भवन : 06.12.2013
अर्मेनियाई गणराज्य की नेशनल एसेम्बली के अध्यक्ष श्री होविक अब्राहमयान के नेतृत्व में एक 19 सदस्यीय संसदीय शिष्टमंडल ने कल (5 दिसम्बर, 2013) राष्ट्रपति भवन में भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी से भेंट की।
शिष्टमंडल का स्वागत करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि प्राचीन काल से ही भारत और अर्मेनिया के बीच ऐतिहासिक और सभ्यतागत संबंध हैं। भारतीय और अर्मेनियाई लोगों की संस्कृति, परंपराएं, भाषाएं और मूल्य समान हैं। उन्होंने कहा कि भारत अर्मेनिया के साथ अपनी मैत्री को महत्व देता है और दोनों देशों के राजनीतिक, आधिकारिक और सांस्कृतिक स्तरों पर तथा दोनों देशों के लोगों के बीच घनिष्ठ संबंध हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय संसदीय शिष्टमंडल के पहली बार अर्मेनिया की यात्रा के बाद यह शिष्टमंडल भारत की यात्रा कर रहा है। उन्होंने कहा कि जन प्रतिनिधियों के बीच ऐसे आदान-प्रदान से दोनों देशों के लोगों के बीच सद्भावना और मैत्री बढ़ाने में मदद मिलती है तथा दोनों देशों के वैधानिक निकायों के बीच सहयोग को नई गति मिलती है। राष्ट्रपति ने अर्मेनिया गणराज्य की राष्ट्रीय सभा के 11 सांसदों सहित अर्मेनिया-भारत संसदीय मैत्री समूह के गठन का स्वागत किया और यह विश्वास व्यक्त किया कि शीघ्र ही भारतीय संसद में भी ऐसे समूह का गठन किया जाएगा।
राष्ट्रपति ने विचार व्यक्त किया कि भारत-अर्मेनिया व्यापार और आर्थिक रिश्ते दोनों देशों के बीच श्रेष्ठ राजनीतिक और आर्थिक संबंधों के बावजूद अपनी क्षमता से काफी कम हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देशों को द्विपक्षीय व्यापार और परस्पर निवेश को बढ़ाने के अवसर खोजने के लिए मिलकर कार्य करना चाहिए।
अर्मेनियाई संसदीय शिष्टमंडल के नेता ने कहा कि भारत और अर्मेनिया के बीच शानदार राजनीतिक संबंध हैं। अर्मेनियाई सरकार यह सुनिश्चत करने के लिए उपाय शुरू कर रही है कि आर्थिक संबंध भी राजनीतिक संबंधों के बराबर हों और इस बारे में एक खाका भी तैयार किया गया है। यह बताते हुए कि भारत और अर्मेनिया आध्यात्मिक और सांस्कृतिक संबंधों से बंधे हुए हैं, श्री अब्राहमयान ने विश्वास व्यक्त किया कि उनकी यात्रा से दोनों देशों के बीच संबंध और सुदृढ़ बनेंगे।
यह विज्ञप्ति 1000 बजे जारी की गई।