राष्ट्रपति भवन : 21.08.2013
अफगानिस्तान इस्लामी गणराज्य के द्वितीय उपराष्ट्रपति श्री करीम खलीली ने आज (21 अगस्त, 2013) भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी से राष्ट्रपति भवन में मुलाकत की।
श्री खलीली का स्वागत करते हुए, राष्ट्रपति ने 3 अगस्त, 2013 को भारतीय वाणिज्य दूतावास पर आत्मघाती हमले को विफल करने के लिए अफगानिस्तान की सरकार, इसकी सुरक्षा सेनाओं का, विशेषकर जलालाबाद के पुलिस कर्मियों द्वारा दिखाए गए शौर्य और समर्पण के लिए धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि इस घटना में निर्दोष बच्चों और नागरिकों का मारा जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। भारत प्रभावित लोगों को हर संभव मदद प्रदान करेगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत एक सम्प्रभु, स्वतंत्र, समृद्ध और लोकतांत्रिक अफगानिस्तान को भारत के लिए सामरिक रूप से हितकारी मानता है। भारत रणनीतिक साझीदारी करार के और संक्रमण के महत्त्वपूर्ण दौर में, विकास और राष्ट्र निर्माण में अफगानिस्तान की सहायता के प्रति वचनबद्ध है। भारत 2014, जब अंतरराष्ट्रीय सेनाओं की वापसी तय है, के बाद भी राजनीतिक और सामरिक स्तर पर अफगानिस्तान के प्रति वचनबद्ध रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि भारत केवल अफगानी स्वामित्व वाली, अफगानी नेतृत्व के अधीन और अफगान नियंत्रित सुलह प्रक्रिया का समर्थन करता है।
राष्ट्रपति ने कहा कि अफगानिस्तान में, क्षेत्रीय व्यापार, परिवहन और ऊर्जा गलियारों का केंद्र तथा अवसरों का देश बनने की क्षमता है, जिससे क्षेत्रीय आर्थिक विकास में योगदान मिलेगा। भारतीय कंपनियां अफगानिस्तान में तांबा, स्वर्ण, तेल और गैस भण्डार के लिए बोली लगाने की इच्छुक हैं।
अफगानिस्तान के द्वितीय उपराष्ट्रपति ने राष्ट्रपति के संबोधन का गर्मजोशी से उत्तर देते हुए कहा कि अफगानिस्तान और भारत के बीच सम्बन्धों का सामरिक महत्त्व है और दोनों देशों के बीच मैत्री सदैव मजबूत रहेगी। उन्होंने भारत द्वारा अफगानिस्तान को प्रदान की गई सहायता के लिए अभार व्यक्त किया तथा अफगानिस्तान में, विशेषकर खनन क्षेत्र में निवेश के लिए भारतीय कंपनियों को आमंत्रित किया।
यह विज्ञप्ति 1530 बजे जारी की गई।