115वें प्रवेश प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में प्रशिक्षणरत् राज्य सिविल सेवा के अधिकारियों ने राष्ट्रपति जी से भेंट की
राष्ट्रपति भवन : 04.04.2014

लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी, मसूरी में 115वें प्रवेश प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में प्रशिक्षणरत् राज्य सिविल सेवा के अधिकारियों के एक समूह ने आज (4 अप्रैल, 2014) राष्ट्रपति भवन में, भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी से भेंट की।

इन अधिकारियों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि भारत का संघीय ढांचा हमारे संविधान की बुनियादी विशेषता है। यह संघीय ढांचा हमारे देश की अनेकता में एकता का प्रतिनिधित्व करता है। अपने दायित्वों का निर्वाह करते हुए, हमारे सिविल सेवकों को हमारे देश को इस पहलू का सम्मान करना होगा। जहां राज्य समग्र के अलग-अलग हिस्सों का प्रतिनिधित्व करते हैं वहीं देश इन हिस्सों का संकलन है। इसलिए भारत का अर्थ राज्यों से है। इसलिए हमारे देश की प्रगति का रास्ता हमारे राज्यों की प्रगति पर निर्भर करता है। परंतु उनकी एक राष्ट्रीय परिकल्पना होनी चाहिए। भले ही वे किसी खास राज्य से हों परंतु उनका मार्गदर्शन करने के लिए उनके पास सदैव अखिल भारतीय नजरिया होना चाहिए। राष्ट्रपति जी ने जोर देकर कहा कि इसीलिए उन पर हमारे देश की एकता और अखंडता को मजबूत करने का उत्तरदायित्व है। और जब तक वे अपने निश्चय पर दृढ़ नहीं होंगे तब तक हमारा देश राष्ट्रों के समुदाय में अपना वाजिब स्थान पाने में सफल नहीं हो पाएगा।

यह प्रेस विज्ञप्ति 1515 बजे जारी की गई।

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