वियतनाम समाजवादी गणराज्य और भारत गणराज्य के बीच संयुक्त विज्ञप्ति
हनोई, वियतनाम : 15-09-2014
1. भारत गणराज्य के राष्ट्रपति,महामहिम श्री प्रणब मुखर्जी, वियतनाम समाजवादी गणराज्य के महामहिम राष्ट्रपति, श्री चुअंग तन साँग के निमंत्रण पर 14-17 सितम्बर, 2014 तक वियतनाम समाजवादी गणराज्य की राजकीय यात्रा पर हैं।
2. 15 सितम्बर, 2014 को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के लिए हनोई के प्रेजिडेंसियल पैलेस में एक स्वागत समारोह आयोजित किया गया। राष्ट्रपति, प्रणब मुखर्जी ने 15 सितंबर, 2014 को राष्ट्रपति चुअंग तन साँग के साथ द्विपक्षीय बातचीत की, जिन्होंने एक राजभोज भी आयेजित किया था। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने, माननीय श्री नुयन फू चौंग, वियतनाम कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव,माननीय श्री नुयन तन ज़ुग, वियतनाम के प्रधानमंत्री तथा माननीय श्री नुयन सिन हुँग, वियतनाम की नेशनल एसेंबली के अध्यक्ष से मुलाकात की। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने हो चि मिन्ह के आवासीय परिसर का दौरा किया तथा राष्ट्रीय वीरों और शहीदों के स्मारक पर पुष्प अर्पित किए। दोनों राष्ट्रपतियों ने संयुक्त रूप से हो ची मिन्ह नेशनल एकेडमी ऑफ पोलिटिक्स एंड पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन के भारतीय अध्ययन केंद्र का उद्घाटन किया। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी 16-17 सितम्बर, 2014 को हो चि मिन्ह शहर की यात्रा करेंगे तथा हो चि मिन्ह शहर की कम्युनिस्ट पार्टी के सचिव माननीय श्री ले थाईन हाय तथा हो चि मिन्ह शहर की जन समिति के अध्यक्ष माननीय श्री ले हवांग कुआन से भी मिलेंगे।
3. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने बौद्ध गया के पवित्र बोधि वृक्ष का एक पौधा राष्ट्रपति चुअंग तन साँग को भेंट किया। दोनों देशों के बीच साझी बौद्ध विरासत का प्रतीक यह पौधा राष्ट्रपतियों ने प्रेजिडेंसियल पैलेस में मिलकर रोपा। राष्ट्रपति, चुअंग तन साँग ने इस सद्भावना के लिए राष्ट्रपति, प्रणब मुखर्जी के प्रति आभार व्यक्त किया।
4. नेताओं के बीच मैत्री और परस्पर विश्वास के माहौल में सरकारी वार्ता हुई। राष्ट्रपति चुअंग तन साँग और राष्ट्रपति,प्रणब मुखर्जी ने अपने-अपने देशों के सामाजिक-आर्थिक विकास तथा विदेशी नीति, द्विपक्षीय संबंधों और आपसी हित के मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। राष्ट्रपति, प्रणब मुखर्जी ने हाल के वर्षों में उल्लेखनीय उपलब्धियों पर वियतनाम की सरकार और जनता को बधाई दी। राष्ट्रपति चुअंग तन साँग ने 16वीं लोक सभा के चुनावों के सफलतापूर्वक सम्पन्न होने पर भारत को नमन किया तथा विश्वास व्यक्त किया कि भारत की नई सरकार के नेतृत्व में, भारत की जनता राष्ट्रीय विकास में और अधिक उलपब्धियां हासिल करेगी।
5. नेताओं ने भारत और वियतनाम के बीच पारंपरिक मैत्री की प्रगति पर खुशी जताई तथा विशेषकर 2007 में कार्यनीतिक साझीदारी की स्थापना के बाद से सम्बन्धों के विभिन्न क्षेत्रों में की गई प्रगति पर संतोष व्यक्त किया। भारत ने इस बात की पुन: पुष्टि की कि वह वियतनाम को अपनी लुक ईस्ट नीति में एक महत्त्वपूर्ण स्तंभ के रूप में मानता है। वियतनाम ने भारत की लुक ईस्ट नीति तथा क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत द्वारा निरंतर निभाई गई अहम भूमिका के लिए अपना सहयोग दोहराया।
6. नेताओं ने माननीय श्री नुयन फू चौंग, वियतनाम कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव की नवम्बर, 2013 में भारत की राजकीय यात्रा सहित दोनों देशों के बीच उच्च स्तरीय यात्राओं के महत्त्व को दोहराया। उन्होंने माननीया श्रीमती सुषमा स्वराज,भारत की विदेश मंत्री की अगस्त, 2014 में वियतनाम की सफल यात्रा पर संतोष जाहिर किया। उन्होंने मंत्री स्तरीय विचार-विमर्श का स्वागत किया और यह दोहराया कि अधिकारियों के स्तर पर नियमित चर्चा से द्विपक्षीय सम्बन्धों को सुदृढ़ और विस्तृत बनाने में मदद हासिल हुई। वे विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को घनिष्ठ बनाने की दृष्टि से सरकार से सरकार, पार्टी से पार्टी, कारोबार से कारोबार तथा परस्पर जनता के आपसी, सभी स्तरों पर निरंतर आदान-प्रदान को बढ़ावा देने पर सहमत हुए।
7. नेता राजनीतिक, रक्षा और सुरक्षा सहयोग, आर्थिक सहयोग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, संस्कृति और जनता के आपसी संबंधों, तकनीकी सहयोग तथा बहुपक्षीय और क्षेत्रीय सहयोग पर बल सहित कार्यनीतिक साझीदारी के आधार पर द्विपक्षीय सहयोग को सुदृढ़ और गहन बनाने पर सहमत हुए। वे दोनों देशों के बीच विशेषकर संयुक्त आयोग बैठक, विदेश कार्यालय विचार-विमर्श तथा कार्यनीतिक संवाद, सुरक्षा संवाद तथा अन्य संवाद तंत्रों, कार्यनीतिक साझीदारी के संस्थागत ढांचे के तहत निरंतर घनिष्ठ संपर्क पर सहमत हुए। नेताओं ने द्विपक्षीय सहयोग को व्यापक और गहन बनाने के लिए समझौतों के प्रभावी कार्यान्वयन पर बल दिया।
8. नेता इस बात पर सहमत थे कि रक्षा और सुरक्षा सहयोग दोनों देशों के बीच कार्यनीतिक साझीदार का एक महत्त्वपूर्ण स्तंभ है। उन्होंने इस क्षेत्र में दोनों पक्षों के बीच निरंतर सहयोग पर संतोष व्यक्त किया और कहा कि भारत द्वारा वियतनाम को 100 मिलियन अमरीकी डॉलर की ऋण सुविधा के समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर से सहयोग के नए अवसर पैदा होंगे।
9. नेता आर्थिक साझीदारी बढ़ाने तथा संयुक्त उद्यम सहित दोनों देशों के सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के बीच व्यापार और निवेश सम्बन्धों को मजबूत बनाने पर सहमत हो गए। उन्होंने हाल के वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार की अच्छी प्रगति का स्वागत किया तथा 2020 तक 15 बिलियन अमरीकी डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार लक्ष्य हासिल करने के लिए कारोबार का और अधिक विस्तार करने और विविध बनाने का आह्वान किया। उन्होंने द्विपक्षीय व्यापार के संभावित विकास के महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों के रूप में पर्यटन, कपड़ा और वस्त्र निर्माण,दवाई निर्माण तथा कृषि की पहचान की।
10. नेताओं ने सूचना और संचार प्रौद्योगिकी, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष और अन्य क्षेत्रों के विस्तार की संभावना पर बल दिया। राष्ट्रपति,चुअंग तन साँग ने भारत सरकार द्वारा वियतनाम में आरंभ की गई विभिन्न क्षमता विकास परियोजनाओं में सहयोग के लिए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का धन्यवाद किया। भारत ने एक भारतीय विश्वविद्यालय के सेमेस्टर में भाग लेने के लिए वियतनामी विद्यार्थियों हेतु नई योजना ‘इंडिया कनैक्ट’ के तहत 20 रिक्तियों की पेशकश की।
11. राष्ट्रपति, प्रणब मुखर्जी ने वियतनाम में बौद्ध उत्सव सहित भारत उत्सव के आयोजन में दिए गए सहयोग के लिए वियतनामी सरकार का धन्यवाद किया। वे सहमत थे कि सांस्कृतिक आदान-प्रदान ने भारत और वियतनाम के बीच सभ्यतागत संबंधों के बारे में दोनों देशों के लोगों में जागरूकता बढ़ाई, जनता के परस्पर संपर्कों को बढ़ावा दिया तथा पुस्तकालय, अभिलेखागारों और संग्रहालयों सहित नए क्षेत्रों में भावी सहयोग की गुंजायश उपलब्ध करवाई। उन्होंने यह माना कि फिल्म और टेलीविजन सामग्री का आदान-प्रदान भी जागरूकता बढ़ाने का एक अहम माध्यम रहा तथा उन्होंने दोनों पक्षों के अधिकारियों को कार्यान्वयन के तौर तरीके तैयार करने का निर्देश दिया।
12. नेताओं ने आपसी हितों के क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। उन्होंने क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर दोनों देशों के बीच सहयोग और समन्वय को महत्त्व दिया तथा क्षेत्र तथा उससे आगे शांति, स्थिरता तथा समृद्धि के लिए प्रयास करते हुए विशेषकर आसियान, ए आर एफ,ए डी एम एम प्लस, ई. ए. एस., संयुक्त राष्ट्र और गुट निरपेक्ष आंदोलन में सहयोग का विस्तार करने पर सहमत व्यक्त की। दोनों पक्षों ने स्थायी और अस्थायी दोनों श्रेणियों में संयुक्त राष्ट्र सुधार के तत्काल सुधार तथा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के विस्तार की आवश्यकता पर बल दिया। भारत ने एक सुधरे हुए और विस्तारित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के लिए भारत की उम्मीदवारी को वियतनाम के निरंतर समर्थन के लिए आभार जताया। उनहोंने आगे 2020-2021 के कार्यकाल के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अस्थायी सदस्यता के लिए वियतनाम तथा 2021-2022के कार्यकाल के लिए भारत की उम्मीदवारी हेतु आपसी सहयोग की पुन: पुष्टि की।
13. नेताओं ने एशिया में शांति,स्थिरता, विकास और समृद्धि बनाए रखने के लिए मिलकर कार्य करने की अपनी आकांक्षा और संकल्प को दोहराया। वे सहमत हुए कि पूर्वी समुद्र/दक्षिण चीन सागर में नौवहन की स्वतंत्रता बाधित नहीं होनी चाहिए तथा उन्होंने संबंधित पक्षों से संयम बनाए रखने, धमकी या बल प्रयोग से बचने तथा एन्क्लोज-1982 सहित अंतरराष्ट्रीय कानून के वैश्विक रूप से मान्य सिद्धांतों के अनुसार शांतिपूर्ण साधनों के माध्यम से विवादों के समाधान के लिए कहा। उन्होंने दक्षिण चीन सागर में पक्षकारों के आचरण पर2002 घोषणा के पालन और कार्यावयन तथा सहमति के आधार पर दक्षिण चीन सागर में आचार संहिता अपनाने की दिशा में कार्य करने के लिए सम्बन्धित पक्षों की सामूहिक प्रतिबद्धता का भी स्वागत किया। उन्होंने समुद्री मार्गों की सुरक्षा, समुद्रवर्ती सुरक्षा, समुद्री दस्युता का मुकाबला करने तथा खोज और बचाव अभियान को सुनिश्चित करने के लिए सहयोग का आह्वान किया।
14. नेताओं ने इस यात्रा के परिणामों पर संतोष व्यक्त किया तथा यह साझा विचार व्यक्त किया कि यात्रा ने दोनों देशों के बीच मैत्री सम्बन्धों और कार्यनीतिक साझीदारी को मजबूत बनाने में उल्लेखनीय योगदान किया है।
15. राष्ट्रपतियों की उपस्थिति में नीचे लिखे समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए : (1) वियतनाम समाजवादी गणराज्य सरकार तथा भारत के एग्जिम बैंक के बीच डॉलर ऋण सुविधा समझौता (2)सीमा शुल्क मामलों में सहयोग और आपसी सहायता पर वियतनाम समाजवादी गणराज्य सरकार तथा भारत गणतंत्र सरकार के बीच समझौता (3) पशु स्वास्थ्य पर वियतनाम के कृषि और ग्रामीण विकास मंत्रालय तथा भारत के कृषि मंत्रालय के बीच समझौता ज्ञापन (4) भारत में पैंगेसियस प्रजनन और पालन के क्षेत्र में सहयोग पर वियतनाम के कृषि और ग्रामीण विकास मंत्रालय तथा भारत के कृषि मंत्रालय के बीच समझौता ज्ञापन (5) वियतनाम ऑयल और गैस समूह तथा तेल और प्राकृतिक गैस निगम विदेश लिमिटेड के बीच आशय पत्र (6) वियतनाम एयरलाइन्स (वियतनाम) तथा जेट एयरवेज (भारत) के बीच सीधी हवाई सेवाओं के संचालन और संयुक्त रूप से प्रोत्साहन पर समझौता ज्ञापन (7) हो चि मिन्ह, कम्युनिस्ट यूथ यूनियन ऑफ वियतनाम की केन्द्रीय समिति तथा भारत के कौशल विकास, उद्यमिता, युवा मामले तथा खेल मंत्रालय के बीच युवा मामलों पर सहयोग पर समझौता ज्ञापन।
16. 2011 में राष्ट्रपति, चुअंग तन साँग की सफल यात्रा को याद करते हुए, राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने वियतनाम के राष्ट्रपति को पुन: भारत की यात्रा करने का निमंत्रण दिया। राष्ट्रपति चुअंग तन साँग ने खुशी-खुशी निमंत्रण स्वीकार किया। यात्रा का कार्यक्रम राजनयिक माध्यमों से तय किया जाएगा।
17. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने वियतनाम समाजवादी गणराज्य की अपनी यात्रा के दौरान उन्हें और भारतीय शिष्टमंडल को प्रदान किए गए हार्दिक स्वागत तथा शानदार स्वागत समारोह के लिए राष्ट्रपति चुअंग तन साँग के प्रति गहरा आभार व्यक्त किया।