संयुक्त व्यापार परिषद बैठक में भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

Minsk, Belarus : 04-06-2015

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Speech By The President Of India, Shri Pranab Mukherjee At The Joint Business Council Meeting
बेलारूस के गणराज्य के महामहिम राष्ट्रपति, एलेक्जेंडर लुकाशेन्को,

विशिष्ट व्यापार प्रतिनिधिगण,

देवियो और सज्जनो,

मुझे भारत और बेलारूस के प्रमुख व्यापार प्रतिनिधियों कीसभा को संबोधित करते हुए अत्यंत प्रसन्नता हो रही है।

2. व्यापार, निवेश और आर्थिक सहयोग समसामयिक भारत-बेलारूस संबंधों का एक सबसे महत्वपूर्ण आयाम है। जब हम अपने द्विपक्षीय संबंध को आगे बढ़ाना चाहते हैं तब हमारे व्यापार समुदाय ही हैं जिनमें इन संबंधों को रूपांतरित करने और उर्जावान बनाने की अत्यधिक क्षमता है।

3. मुझे प्रसन्नता है कि आज यहां भारत का एक विशाल व्यापार शिष्टमंडल उपस्थित है। वे ऊर्जा,परामर्श सेवाओं,स्वास्थ्य देखभाल,रसायन, उर्वरक, सूचना प्रौद्योगिकी,अवसंरचना,दैनिक उपयोगी सेवाओं एवं नवीकरणीय ऊर्जा,विनिर्माण और दवा निर्माण जैसे अनेक क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं। मुझे यह देखकर प्रसन्नता हुई कि उनके साथ व्यापार और उद्योग का प्रतिनिधित्व करने वाले बेलारूस के बहुत से व्यवसायी शामिल हैं।

मित्रो,

4. भारत और बेलारूस का परस्पर लाभकारी मैत्री और बहुआयामी सहयोग का एक लंबा इतिहास रहा है। हमारा राजनीतिक संवाद नियमित और ठोस है। हमारे संबंधों का एक उल्लेखनीय पहलू अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर हमारे देशों के बीच बेहतर समझ तथा संयुक्त राष्ट्र जैसे बहुस्तरीय मंचों पर एक दूसरे का सहयोग रहा है। हमने आर्थिक और व्यापार संबंधों,रक्षा सहयोग तथा वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकी अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए श्रेष्ठ संस्थागत तंत्र स्थापित किए हैं। हमने साझे हित के अनेक क्षेत्रों में आवश्यक सक्षमकारी करारों और समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं तथा मेरी यात्रा के दौरान कुछ और पर हस्ताक्षर किए गए हैं। हमारे सांस्कृतिक संबंध तथा हमारे लोगों के बीच संपर्क मजबूत हैं। हमारे संबंधों को बढ़ावा देने के लिए हमारे दोनों देशों में व्यापक उत्साहजनक सहयोग है। मेरी यात्रा से बेलारूस के साथ हमारी साझीदारी को सुदृढ़ करने में भारत की गहरी रूचि प्रदर्शित होती है।

5.जैसा कि आपको विदित है भारत विश्व की सबसे तेजी से बढ़ रही अर्थव्यवस्था है तथा विगत कुछ दशकों के दौरान7प्रतिशत से अधिक औसत वार्षिक विकास दर के साथ एक सबसे तेजी से उभरता हुआ बाजार है। ऐसे सकारात्मक संकेत हैं जिनसे पता चलता है कि हम और ऊंचे विकास दर के पथ की ओर बढ़ रहे हैं।

6.समेकन उपायों ने हमारी राजस्व स्थिति को सुधारा है, कीमतों में गिरावट आई है, हमारा विनिर्माण क्षेत्र पुनरुत्थान के शुरुआती स्तर पर है तथा कृषि विकास मजबूत बना हुआ है,भारतीय अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करने के लिए घरेलू और विदेशी दोनों निवेशों को तेज करने के उद्देश्य वाले उपाय तथा वृहत आर्थिक तत्वों की मजबूती दोनों साथ-साथ जारी हैं। विशेषकर अवसंरचना क्षेत्र में,परियोजनाओं के कार्यान्वयन पर नये सिरे से जोर भी दिया जा रहा है।

7.मेरी कल राष्ट्रपति लुकाशेन्को के साथ शानदार बातचीत हुई थी। हमारी बातचीत से मुझे विश्वास हो गया है कि अपने द्विपक्षीय संबंधों के विस्तार के लिए हमारा उत्साह और आकांक्षा एक समान है। द्विपक्षीय सहयोग को और तेज करने के विचार से,हमने भारत-बेलारूस साझीदारी पर अत्यंत ठोस और केंद्रित खाका जारी किया है। मुझे विश्वास है कि यह आपने देखा होगा कि खाके में व्यापक रूप से आर्थिक,व्यापार,निवेश और प्रौद्योगिकी साझीदारियों पर ध्यान दिया गया है।

देवियो और सज्जनो,

8.हमारी द्विपक्षीय व्यापार की मात्रा कम है और अपनी वास्तविक क्षमता से नीचे है। मैं आशान्वित हूं और राष्ट्रपति लुकाशेन्को के साथ मेरी बातचीत से मुझे यह उम्मीद जागी है कि हम अपने व्यापार को वर्ष2020तक 1बिलियन अमरीकी डॉलर के स्तर तक बढ़ा सकते हैं। मुझे विश्वास है कि यदि हम अपनी व्यापार मात्रा की मदों में विस्तार करें,उच्च प्रौद्योगिकी मूल्य संवर्धित उत्पादों और हिस्सों को बढ़ाएं तथा स्वास्थ्य देखभाल,सूचना प्रौद्योगिकी,वित्तीय सेवाएं,परिवहन और संभार जैसे सेवा क्षेत्र में आदान-प्रदान और सहयोग को बढाएं, तो इस स्तर को प्राप्त किया जा सकता है।

9.व्यापार को सुगम बनाने के लिए दोनों सरकारें गुणवत्ता नियंत्रण,संगरोध,सामान प्रमाणीकरण और मानकीकरण तथा सीमा शुल्क की औपचारिकताओं के सरलीकरण में सहयोग तेज करने के लिए उत्सुक हैं। हम किसी भी प्रकार की मौजूदा व्यापार बाधाओं को दूर करने तथा व्यापार में किसी नए बाधा की उत्पत्ति से बचने के लिए द्विपक्षीय तथा भारत-यूरेशियन आर्थिक संघ के बीच प्रस्तावित साझीदारी के संदर्भ में मिलकर कार्य करेंगे। इस संबंध में,मुझे यह घोषणा करते हुए प्रसन्नता हो रही है कि भारत ने बेलारूस को‘बाजार अर्थव्यवस्था दर्जा’ प्रदान करने का निर्णय लिया है। यह हमारे द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने तथा अंतरराष्ट्रीय व्यापार ढांचे में बेलारूस के और अधिक एकीकरण को बढ़ावा देने की दिशा में एक उल्लेखनीय कदम होगा।

10.परंतु, जब सरकारें सुविधा प्रदान करने संबंधी उपाय का कार्यान्वयन कर रही हैं,तब दोनों पक्ष के व्यवसाय इस प्रक्रिया में पूरे मन से भागीदारी करें तो व्यापार में बढ़ोतरी हो सकती है। मैं भारत और बेलारूस की कंपनियों से आग्रह करता हूं कि वे दोनों क्रमश: दोनों देशों में आयोजित व्यापार मेलों तथा राष्ट्रीय,अंतरराष्ट्रीय तथा क्षेत्रीय प्रदर्शनियों में अपनी भागीदारी को बढ़ाएं। कंपनियों को भी दोनों सरकारों की अंतरराष्ट्रीय निविदाओं में और अधिक सक्रियता से भागीदारी करनी चाहिए। क्योंकि दोनों ओर की सरकारी एजेंसियां इसके कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए सूचनाओं के आदान-प्रदान को बढ़ा रही हैं।

मित्रो,

11.भारत-बेलारूस संबंधों के खाके में हमारे भावी सहयोग के प्रमुख क्षेत्रों की स्पष्ट पहचान की गई है। इनमें परंपरागत और लघु पैमाने पर विद्युत उत्पादन,नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा,धातुकर्म और खनन,रक्षा, वाहन और कृषि इंजीनियरी,दवा निर्माण,वस्त्र निर्माण,कृषि और खाद्य प्रसंस्करण शामिल हैं। ये सभी क्षेत्र निवेश के अच्छे अवसर प्रस्तुत करते हैं। वास्तव में,यह पूर्ण सूची नहीं है बल्कि सांकेतिक है जिसमें सहयोग की तात्कालिक और आशाजनक संभावनाएं हैं। मुझे यह सूचित करते हुए भी प्रसन्नता हो रही है कि भारत परस्पर तय किए गए क्षेत्रों में संयुक्त परियोजनाओं को प्रोत्साहित करने के लिए बेलारूस को100मिलियन अमरिकी डॉलर का ऋण प्रदान करेगा।

12.भारत और बेलारूस दोनों दिशाओं में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश बढ़ाने के लिए इस प्रकार से सक्रिय रूप से सहायक वाणिज्यिक और निवेश मंच सहित सभी संभावित उपाय करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। भारत और बेलारूस के बीच संयुक्त उद्यम,यूरेशियन - आर्थिक संघ के विशाल बाजार के ढांचे में और अधिक आकर्षक बन सकते हैं।

13.अधिक व्यापार और निवेश प्रवाह के लिए आवश्यक सहायक तत्वों के निर्माण के लिए,हम वित्तीय क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने तथा द्विपक्षीय परियोजनाओं के वित्त पोषण,व्यापार और संयुक्त परियोजनाओं के वित्त पोषण तथा निर्यात सहयोग और बीमा उपलब्ध करवाने के लिए आवश्यक वित्तीय साधन मुहैया करवाना चाहते हैं। जहां तक संभव होगा,हम इस संबंध में अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संगठनों के साथ मिलकर कार्य करेंगे।

14.चूंकि बेलारूस और भारत दोनों वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकीय अनुसंधान की परंपरा वाले देश हैं इसलिए यदि नवान्वेषण और उद्यमिता की ताकतें अनुसंधान की हमारी मौजूदा खूबियों के साथ मिल जाएं तो इन क्षेत्रों में हमारी द्विपक्षीय साझीदारी अत्यधिक लाभकारी हो सकती है। इसलिए मैं यहां उपस्थित कंपनियों और कारोबारों से आग्रह करता हूं कि वे नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा,अंतरिक्ष,रसायन उद्योग,विशेष वाहनों सहित वाहन उद्योग,सूचना प्रौद्योगिकी,दूरसंचार, परिवहन, निर्माण और औद्योगिक अवसरंचना जैसे क्षेत्रों में तकनीकी सहयोग के लिए अवसरों की तलाश करें।

15.इसमें सहयोग के लिए हमारी सरकारों को, अग्रणी अनुसंधान और विकास संस्थानों और विश्वविद्यालयों को आकर्षित करने हेतु एक अनुकूल माहौल तैयार करना चाहिए। दोनों सरकारों को नवान्वेषी परियोजनाओं,विशेषकर ऑप्टिकल,लेजर, नैनो और बायो प्रौद्योगिकियों,इलेक्ट्रॉनिक्स तथा माइक्रोइलेक्ट्रानिक्स और यांत्रिक इंजीनियरी जैसे उच्च तकनीकी क्षेत्रों के कार्यान्वयन को प्रोत्साहित और प्रेरित करने के लिए यथावश्यक उपाय करने चाहिए।

16.भारत को यह जानकर प्रसन्न्नता हुई है कि बेलारूस अपने ‘गे्रट स्टोन’ औद्योगिक पार्क तथा ‘बेलबायोग्रेड’राष्ट्रीय वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकीय पार्क में नैनो प्रौद्योगिकियों,जैव प्रौद्योगिकियों,इलेक्ट्रॉनिक्स,माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स तथा यांत्रिक इंजीनियरी में भारतीय कंपनियों की अधिक सहभागिता देखने के लिए तत्पर है।

17.मैं भारतीय निवेशकों को प्रोत्साहित करना चाहूंगा कि वे इसपर सक्रिय तौर पर विचार करें। मैं बेलारूस की कंपनियों से भी आग्रह करता हूं कि वे भारतीय अर्थव्यवस्था में अपनी भागीदारी बढ़ाने के उपायों के तौर पर,भारत के अनेक औद्योगिक और प्रौद्योगिकी पार्कों में उपलब्ध निवेश और वैज्ञानिक अवसरों की तलाश करें।

18.मुझे विश्वास है कि भारत और बेलारूस के बीच और अधिक आपसी कारोबार संपर्कों से भारतीय अर्थव्यवस्था के व्यापक आर्थिक अवसरों की अधिक जानकारी प्राप्त होगी तथा बेलारूस की कंपनियां भारत से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित होंगी।

19.मैं, आज आपके समक्ष अपने विचार प्रकट के लिए आमंत्रित करने के लिए आपका धन्यवाद करता हूं। मैं इस अवसर पर आपके प्रयासों के लिए आप सभी को शुभकामनाएं भी देता हूं।

 

धन्यवाद!

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