राष्ट्रपति ने कहा, भारत और नेपाल के भविष्य परस्पर जुड़े हुए हैं, एक दूसरे की बेहतरी और समृद्धि में हमारी महत्वपूर्ण हिस्सेदारी है
राष्ट्रपति भवन : 02-11-2016
भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि भारत और नेपाल के भविष्य परस्पर जुड़े हुए हैं तथा दोनों राष्ट्रों की एक दूसरे की बेहतरी और समृद्धि में महत्वपूर्ण हिस्सेदारी है। वह आज (02 नवम्बर, 2016) काठमांडू में नेपाल की महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती विद्या देवी भंडारी द्वारा उनके सम्मान में आयोजित राजभोज में बोल रहे थे।
राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे लोगों ने हमेशा से मैत्री और सहयोग के निकट संबंध को कायम रखा है। हमारे दोनों देशों के सामाजिक-आर्थिक, सांस्कृतिक और जनता से जनता के संपर्क हमारे उन हार्दिक संबंधों और परस्पर विवेक को मजबूती प्रदान करते हैं जो हम दोनों सरकारों के बीच हैं। ये विशेष बंधन भारत और नेपाल-मैत्री के मूल में हैं। ये हमारे साझीदारी के विशेष वाहक है; ये हमारे अनूठे, प्रगाढ़ और बहुमुखी संबंधों में प्रमुखता और गतिशीलता प्रदान करते हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि 21वीं सदी में हमारे द्वारा सामना की जा रही सामान्य चुनौतियों से हमारे क्षेत्रों और उससे परे भी शांति और सुरक्षा के एक वातावरण के लिए आवश्यकता महसूस होगी। आज आतंकवाद हमारी शांति और सुरक्षा के लिए सबसे अधिक गंभीर खतरा बना हुआ है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को एक साथ मिलकर कार्य करना होगा। हमें सभी समाजों में सहिष्णुता और विवेक की आवश्यकता होगी और हम आतंकवाद के अभिशाप का उन्मूलन करेंगे। इसी प्रकार, यही केवल एक सामूहिक, वैश्विक सहयोगी प्रयास है जिससे जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावी रूप से निपटा सकता है।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत को नेपाल के सामाजिक-आर्थिक विकास में बहुत रुचि है। नेपाल के निकटतम पड़ोसी के रूप में भारत को नेपाल के लोगों की उपलब्धि पर और नेपाल के साथ उसकी विकास की साझेदारी की सफलता पर गर्व है। हमारे द्विपक्षीय सहयोग में मानव परिश्रम के सभी आयाम शामिल हैं। हमने हमारे संयुक्त कार्य को मॉनीटर करने के लिए स्वस्थ संस्थागत प्रणालियों का सृजन किया है। हमारे नियमित उच्च स्तरीय आदान-प्रदान हमारे द्विपक्षीय संबंधों के प्रमाण-चिह्न हैं। वे उच्च स्तर के उस आत्मविश्वास का प्रदर्शन करते हैं जो हम एक दूसरे में रखते है और हमारे लोगों की प्रगति के लिए हमारे संसाधनों और विशिष्टताओं से लाभ लेने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि नेपाल की जनता लोकतंत्र के लाभ समेकित करने के लिए, प्रत्येक नागरिक की प्रगति हासिल करने और लाभ सुनिश्चित करने के प्रति ऐतिहासिक रूप से संलग्न है। शांति, स्थिरता, प्रगति और चहुंमुखी विकास के लिए उनकी जिज्ञासा में, नेपाल के लोगों के परिश्रम और उपलब्धियों की मैं सराहना करता हूं। इस बदलाव को लाने में नेपाल के लोगों की प्रतिबद्धता सचमुच सराहनीय है। वे समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर संघीय और लोकतांत्रिक फ्रेमवर्क के भीतर अपने उद्देश्यों की प्राप्ति चाहते हैं। वे एक ऐसा संविधान बनाना चाहते हैं जो उनकी विभिन्न सामाजिक ताने-बाने की आवश्यकताओं को पूरा करे। हम इस महान कार्य में नेपाल की सफलता के लिए शुभकामनाएं देते हैं।
राष्ट्रपति ने गहन विषम परिस्थिति में नेपाल के लोगों की सहनशक्ति की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष नेपाल में हुई प्राकृतिक आपदा से अवर्णनीय कठिनाई सामने आई—जैसाकि हमेशा से होता आया है, सबसे कमजोर वर्ग बुरी तरह से प्रभावित होते हैं। इस समय और सही मायने में भारत के लोग यथातीव्र रूप से नेपाल में अपने भाइयों की सहायता के लिए आए—और वे उनके आवास और उनके जीवन के पुनर्रुद्धार में नेपाल की सरकार और लोगों को सहायता पहुंचाते रहेंगे।
राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे देश एक साथ मिलकर बहुत कुछ कर सकते हैं। भारत अपने पड़ोसी देशों विशेषकर नेपाल, जिसके साथ हमारे निकटतम भाईचारे के संबंध हैं, के साथ अपने संबंधों को उच्चतम प्राथमिकता देता है। भारत इन संबंधों को और अधिक मजबूत करने और बढ़ाने के प्रति प्रतिबद्ध है और हम जानते हैं कि नेपाल भी ऐसा ही हैं। संप्रभु देशों के रूप में हमने सुनिश्चित किया है कि हमारी साझीदारी एक दूसरे के हितों और चिंताओं के लिए बहुत ही विश्वास और सम्मान पर आधारित हैं। हम दोनों इस आत्मविश्वास से पूरित हैं कि इस दृष्टिकोण से हम सफलता अवश्य प्राप्त करेंगे।
यह विज्ञप्ति 2100 बजे जारी की गई