मॉरिशस के प्रधानमंत्री, डॉ. नवीनचन्द्र रामगुलाम के साथ बैठक के बाद भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का प्रेस वक्तव्य
Rashtrapati Bhavan : 12-03-2015
महामहिम डॉ. नवीनचन्द्र रामगुलाम, मॉरिशस के प्रधानमंत्री,
भारत और मॉरिशस के मीडिया मित्रो,
देवियो और सज्जनो,
मेरे लिए, मॉरिशस की राजकीय यात्रा करना और मॉरिशस की स्वतंत्रता की 45वीं वर्षगांठ में मुख्य अतिथि होना विशिष्ट सम्मान और सौभाग्य की बात है।
इस ऐतिहासिक और उल्लासमय अवसर पर, मैं भारत सरकार और भारत की जनता की ओर से मॉरिशस की सरकार और जनता के लिए हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई लेकर आया हूं।
मुझे और मेरे शिष्टमंडल के विशेष हार्दिक और सद्भावनापूर्ण स्वागत के लिए मैं प्रधानमंत्री डॉ. नवीनचन्द्र रामगुलाम तथा मॉरिशस सरकार और उसकी जनता का धन्यवाद करता हूं।
भारत और मॉरिशस के बीच इतिहास, संस्कृति, बंधुत्व, परंपराओं और साझे मूल्यों से ओत-प्रोत गहरे संबंध हैं। हम लोकतांत्रिक आधार तथा हमारे समाज की पंथनिरपेक्ष परंपराओं द्वारा जुड़े हुए हैं। परस्पर हित के बहुत से क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर हमारी एक समान गहरी दिलचस्पी है। इन पहलुओं से हमारे द्विपक्षीय संबंधों को एक विशेष और असाधारण पहचान मिली है।
हाल के वर्षों में, हमने एक गतिशील, आधुनिक और परस्पर लाभकारी साझादारी शुरू की है। भारत के राष्ट्रपति का पद ग्रहण करने के बाद मॉरिशस दूसरा देश है, जिसकी मैं यात्रा कर रहा हूं। इससे पता चलता है कि भारत मॉरिशस के साथ अपने संबंधों को कितना महत्व देता है।
घनिष्ठ, उच्च स्तरीय और नियमित, राजनीतिक संवाद हमारे द्विपक्षीय संबंधों की पहचान खासियत रहे हैं। हमारी वर्तमान साझीदारी को आपसी हित के व्यापक क्षेत्रों में 30 से ज्यादा अन्तर-सरकारी समझौतों की रूपरेखा तथा हमारे लोगों के परस्पर संपर्क से भी लाभ पहुंचा है।
मॉरिशस की मेरी यात्रा हमारे संबंधों को और ऊंचे शिखर पर ले जाने की हमारी साझी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
मैं कल राष्ट्रपति राजकेश्वर प्रयाग से मिला था। महामहिम प्रधानमंत्री डॉ. नवीनचन्द्र रामगुलाम के साथ मेरी चर्चा सद्भावनापूर्ण थी और उसमें हमारे बहुआयामी संबंधों का समूचा परिदृश्य शामिल था। हमने परस्पर हित के द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विचार-विमर्श किया। मुझे विश्वास है कि मेरी यात्रा के दौरान, बैठकों और विचार-विमर्श से हमारी साझीदारी और मजबूत बनेगी।
हमारे संबंधों की वर्तमान स्थिति पर संतोष व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री डॉ. नवीनचन्द्र रामगुलाम और मैं इस बात पर सहमत थे कि विशेषकर व्यापार और आर्थिक सहयोग के क्षेत्रों में अभी बहुत अप्रयुक्त क्षमता मौजूद है। दोनों पक्षों के बीच द्विपक्षीय ऋण सुविधा को, मॉरिशस के नागरिकों के जीवन की गुणवता को सुधारने वाली परियोजनाओं को संभावित वित्तीय सहायता को, हमारे आर्थिक और वाणिज्यिक आदान-प्रदान संवर्धन के साधन के रूप में प्रयोग किया जाना चाहिए। हमने समुद्री संसाधनों, नवीकरणीय ऊर्जा और पर्यावरण सहायक प्रौद्योगिकियों की खोज जैसे सहयोग के संभावित क्षेत्रों पर भी चर्चा की।
प्रधानमंत्री और मैं स्वास्थ्य, उच्च शिक्षा, सूचना प्रौद्योगिकी, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पर्यटन, वस्त्र निर्माण, कृषि प्रसंस्करण, संस्कृति और विधि सहयोग के क्षेत्रों में आदान-प्रदान को और अधिक बढ़ाने पर सहमत हो गए हैं। मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई कि आज स्वास्थ्य और चिकित्सा, पर्यटन और सहयोग तथा वरिष्ठ नागरिकों और विकलांगजनों के क्षेत्र में समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर हुए हैं। मुझे उम्मीद है कि इन समझौतों से हमारी साझीदारी और घनिष्ठ होगी तथा भारत और मॉरिशस के लोगों के लिए लाभकारी होगी।
मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि दोहरे कराधान परिवर्जन समझौते पर संयुक्त कार्य दल पिछले एक वर्ष के दौरान दो बार मिला है। उन्होंने दोनों पक्षों को परस्पर स्वीकार्य और लाभदायक परिणाम वाले सभी मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक अवसर मुहैया करवाया है। भारत को शीघ्र ही संयुक्त कार्य दल की अगली बैठक दिल्ली में आयोजित करने की उम्मीद है। हम भारत-मॉरिशस संयुक्त आयोग की 11वीं बैठक आयोजित करने की भी आशा करते हैं।
भारत, मानव संसाधन विकास और क्षमता निर्माण के क्षेत्र में मॉरिशस को सहायता प्रदान करना जारी रखेगा। हमने मॉरिशस के लिए, भारतीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग कार्यक्रम के तहत नागरिक कार्यक्रमों हेतु 170 तथा रक्षा संबंधी कार्यक्रमों के लिए 100 प्रशिक्षण स्थान पहले ही बढ़ा दिए हैं। इन स्थानों की और अधिक मांग को पूरा करने के लिए इन्हें और बढ़ाया जा सकता है। यह जानकर प्रसन्नता होती है कि भारत सरकार द्वारा मॉरिशस के विद्यार्थियों को प्रतिवर्ष दी जाने वाली 100 शैक्षिक छात्रवृत्तियां के लिए अब अधिक विद्यार्थी आगे आ रहे हैं।
मैं, महत्त्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर भारत को दिए गए बहुमूल्य समर्थन के लिए मॉरिशस गणराज्य की सरकार को धन्यवाद देता हूं। मॉरिशस अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद की निंदा दृढ़ता से करता रहा है। भारत विस्तारित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थाई सदस्यता के हमारे हकदारी के दावे के निरंतर समर्थन के लिए भी मॉरिशस का आभारी है। मैं, इंडियन ओशन रिम-एसोसिएशन फॉर रीजनल कोओपरेशन के सशक्तीकरण की प्रक्रिया में पूर्ण सहयोग प्रदान करने के लिए भी मॉरिशस का आभारी हूं।
हिन्द महासागर क्षेत्र में समुद्री दस्युओं ने हमें सभी को प्रभावित किया है। हम मॉरिशस की सुरक्षा और हिफाजत के प्रति वचनबद्ध हैं तथा सुरक्षा क्षेत्र में अपने सहयोग को बढ़ाने की दिशा में कार्य करते रहेंगे। इन समुद्रों में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारतीय नौसेना के पोत, मॉरिशस में अपने समकक्षों के साथ संयुक्त समुद्री दस्युता और अनन्य आर्थिक क्षेत्र, निगरानी कार्य को जारी रखेंगे। हम, मॉरिशस सरकार की आवश्यकताओं और प्राथमिकताओं के अनुसार सुरक्षा संबंधी मुद्दों पर सरकार और मॉरिशस के लोगों की मदद करने के लिए तैयार हैं।
प्रधानमंत्री डॉ. नवीनचन्द्र रामगुलाम के साथ आज के मेरे विचार-विमर्श ने हमारे परस्पर लाभकारी द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने और उन्हें बढ़ाने का एक दृढ़ खाका तैयार किया है। हमारी एक कार्यनीतिक साझीदारी है जिसके केंद्र में हमारे लोगों की बेहतरी है। मैंने परस्पर सुविधा के अनुसार तिथि पर, जिसे राजनयिक माध्यमों से तय किया जा सकता है, भारत यात्रा के लिए प्रधानमंत्री डॉ. नवीनचन्द्र रामगुलाम को आमंत्रित किया है।
धन्यवाद।