सैन्य इंजीनियर सेवा के प्रोबेशनर्स ने भारत की राष्ट्रपति से मुलाकात की

राष्ट्रपति भवन : 03.11.2023

सैन्य इंजीनियर सेवा (एमईएस) के प्रोबेशनर्स ने आज 3 नवंबर, 2023 को राष्ट्रपति भवन में भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु से मुलाकात की।

अधिकारियों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि इंजीनियर की भूमिका सिर्फ गणना, डिजाइनिंग और निर्माण तक सीमित नहीं है। इंजीनियर की भूमिका बहुत व्यापक है और इसमें समुदायों को जोड़कर रखना, सपनों को साकार करना और भविष्य का निर्माण करना शामिल है। उन्होंने युवा अधिकारियों से कहा कि उनके पास ऐसा भौतिक बुनियादी ढांचा तैयार करने की शक्ति है, जो मजबूत और टिकाऊ हो।

पर्यावरणीय चुनौतियों और जलवायु परिवर्तन के मुद्दों के बारे में बोलते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि एमईएस अधिकारियों का यह कर्तव्य है कि वे ऐसी संरचनाओं का डिजाइन और निर्माण करें जो पर्यावरण के अनुकूल, टिकाऊ हों और नवीकरणीय ऊर्जा के बढ़ते प्रयोग को बढ़ावा दें। ग्रीन इंजीनियरिंग आज के समय की मांग है। उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई कि एमईएस विभिन्न उपायों से राष्ट्रीय कार्बन फुटप्रिंट को कम करने में योगदान दे रहा है। उन्होंने विश्वास जताया कि एमईएस के युवा अधिकारी नए विचार, नई ऊर्जा और भरपूर उत्साह लाकर इन प्रयासों को और आगे भी अपनाएँगे।

राष्ट्रपति ने कहा कि सभी क्षेत्रों, विशेषकर इंजीनियरिंग के क्षेत्र में नवीनतम और उन्नत प्रौद्योगिकियों का उपयोग करना बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने एमईएस अधिकारियों को तेजी से हो रहे विकास में सबसे आगे रहने और यह सुनिश्चित करने की सलाह दी कि उनके कार्य में नवीनतम प्रगति सम्मिलित हो।

राष्ट्रपति ने कहा कि ऐसे समय में जब हमारा देश वैश्विक स्तर पर विभिन्न क्षेत्रों में नए मानक स्थापित कर रहा है, उन्हें गर्व होना चाहिए कि वे एक ऐसी सेवा का हिस्सा हैं जो देश और उसके सशस्त्र बलों की सेवा के लिए प्रतिबद्ध है और राष्ट्रीय और वैश्विक मंच पर हो रहे परिवर्तनों को अपना रही है। वे सौभाग्यशाली हैं कि उन्हें उन वीर सैनिकों को सेवा और सहायता प्रदान करने का अवसर मिला है, जो मातृभूमि के लिए प्राण न्यौछावर करने के लिए तैयार रहते हैं।

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