राष्ट्रपति ने 2023 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों से मुलाकात की
स्थानीय और राज्य स्तर पर आपके द्वारा किए गए विकास और जन कल्याण कार्य राष्ट्रीय लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायक होंगे: राष्ट्रपति मुर्मु ने आईएएस अधिकारियों से कहा
राष्ट्रपति भवन : 15.04.2025
भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज 15 अप्रैल, 2025 को राष्ट्रपति भवन सांस्कृतिक केंद्र में, वर्तमान में विभिन्न केंद्र सरकार के मंत्रालयों और विभागों में सहायक सचिव के रूप में कार्यरत 2023 बैच के आईएएस अधिकारियों के एक समूह से मुलाकात की।
आईएएस अधिकारियों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि वे असाधारण संकल्प और कड़ी मेहनत से आईएएस अधिकारी बने हैं। इससे उनके निजी जीवन में परिवर्तनकारी बदलाव आया है। उससे भी अधिक दृढ़ संकल्प और निष्ठा के साथ अनगिनत लोगों के जीवन में परिवर्तनकारी बदलाव लाने का अवसर उनके पास है। उनका सेवा का क्षेत्र और अधिकार इतने व्यापक हैं कि वे अपनी पहली पोस्टिंग में ही अनेक देशवासियों के जीवन को बेहतर बना सकते हैं। उन्होंने अधिकारियों को वंचित वर्गों के उत्थान के लिए विशेष प्रयास करने की सलाह दी। उन्होंने यह भी सलाह दी कि वे अपने कैरियर के दौरान होने वाली पोस्टिंग के स्थानों पर कुछ समय के बाद जाएं और अपने कार्यों के दूरगामी परिणाम देखें।
राष्ट्रपति ने कहा कि अधिकारियों को अपने अधिकारों और लोक सेवकों के कर्तव्यों को ध्यान में रखना चाहिए। एक लोक सेवक के कर्तव्य उनके उत्तरदायित्व हैं और उनके अधिकार उन कर्तव्यों को पूरा करने का माध्यम हैं।
राष्ट्रपति ने अधिकारियों से कहा कि उनके कार्यों से ही उनके वास्तविक कैरियर की कहानी बनेगी, न कि सोशल मीडिया पर फॉलोअर्स की संख्या बढ़ाने से। उनकी असली सामाजिक संपत्ति उनके अच्छे कार्यों से ही निर्धारित होगी।
राष्ट्रपति ने कहा कि प्रत्येक लोक सेवक को ईमानदारी के साथ काम करना चाहिए। हम सबके सामने पर्यावरण प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों हैं। अनैतिकता का प्रदूषण और मूल्यों का ह्रास भी बहुत गंभीर चुनौतियां हैं। निष्ठावान और ईमानदार होने के लिए अलग से कहने की आवश्यकता नहीं पड़नी चाहिए। ईमानदारी, सच्चाई और सादगी के जीवन मूल्यों पर आगे बढ़ने वाले व्यक्ति ज्यादा सुखी रहते हैं। लोक सेवा में ईमानदारी सबसे आवश्यक नीति है। लोक सेवकों से यह अपेक्षा की जाती है कि वे जीवन के हर क्षेत्र में सत्यनिष्ठा और संवेदनशीलता का उदाहरण प्रस्तुत करें।
राष्ट्रपति ने कहा कि डिजिटल युग में लोगों की आकांक्षाएं बढ़ रही हैं। वे प्रशासकों की जवाबदेही के बारे में जागरूक हो रहे हैं। उन्होंने अधिकारियों को देशवासियों के साथ निकटता बनाने और स्थानीय प्रयासों में अपनी भागीदारी बढ़ाने की सलाह दी। उन्होंने जनप्रतिनिधियों द्वारा प्रस्तुत किये गए जन हित के मुद्दों का समाधान करने की भी सलाह दी। उन्होंने कहा कि स्थानीय और राज्य स्तर पर उनके द्वारा किए गए विकास और जन कल्याण के कार्य राष्ट्रीय लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायक होंगे।