भारत की राष्ट्रपति ने अंतर्राष्ट्रीय अभियांत्रिकी और प्रौद्योगिकी मेला 2023 का उद्घाटन किया
राष्ट्रपति भवन : 16.02.2023
भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज 16 फरवरी, 2023 को नई दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय अभियांत्रिकी और प्रौद्योगिकी मेला (आईईटीएफ़) 2023 का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर बोलते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि इस वर्ष मेले का आयोजन न केवल इंजीनियरिंग और विनिर्माण क्षेत्र में भारत की विकास यात्रा के पर्व के रूप में मनाया जा रहा है बल्कि यह आयोजन विश्व में सर्वश्रेष्ठ उन्नत प्रौद्योगिकियों के साथ देश के सहयोग का भी प्रमाण है।
राष्ट्रपति ने कहा कि पहले आईईटीएफ़ के आयोजन के बाद 48 वर्षों में भारत ने एक लंबा सफर तय कर लिया है और इस अवधि के दौरान इंजीनियरिंग उद्योग ने नई ऊंचाई हासिल की है। आज, यह भारत के उद्योग क्षेत्र का एक मजबूत, बहु-स्तरीय, विविधता से परिपूर्ण खंड है, जो विकास को गति देने, रोजगार सृजित करने और निर्यात को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। हाल के दिनों में अपनाई गई नीतियों ने अभूतपूर्व समावेशी विकास को बढ़ावा दिया है। अर्थव्यवस्था के तेजी से डिजिटलीकरण और सामाजिक स्तर पर इसकी स्वीकृति से नई क्षमता सामने आई है जिसने उच्च विकास के नए पथ प्रशस्त किए हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत अपने उत्कृष्ट विनिर्माण अनुभव, उच्च गुणवत्ता से लैस प्रतिभा और अत्याधुनिक उन्नत प्रौद्योगिकी उपलब्धियों का लाभ उठाते हुए अपने वैश्विक जुड़ाव का विस्तार, मिशन आधार पर कर रहा है। ऐसे कई महत्वपूर्ण क्षेत्र हैं जिनमे इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग विश्व को भविष्य की एक समृद्ध और सुरक्षित जगह बनाने के लिए बदलाव लाएगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत में अंतरराष्ट्रीय बाजारों के साथ काम करने की पूरी क्षमता है। हमारा हरित विकास क्लीन एनर्जी पर आधारित है। भारत, वर्ष 2070 में नेट जीरो उत्सर्जन लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए लगातार कार्य कर रहा है।
यह देखते हुए कि आईईटीएफ़-2023 में उभरती प्रौद्योगिकियों के वे 11 क्षेत्र शामिल हैं, जिनका हमारी अर्थव्यवस्था और समाज पर गहरा प्रभाव पड़ेगा। राष्ट्रपति ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि प्रौद्योगिकी हमारे जीने के तरीके को जल्दी ही बदल देगी। उन्होंने कहा कि सामाजिक परिवर्तन के लिए हमें प्रौद्योगिकी का उपयोग करना चाहिए। एक वर्ग तक सीमित रहने वाली कोई भी तकनीक धीरे-धीरे खत्म जाती है। दूसरी ओर, सामान्य लोगों के जीवन को सकारात्मक तरीके से बदलने वाली प्रौद्योगिकियां लोगों को जोड़ देती हैं। भारत में विश्व के सबसे बड़े डिजिटलीकरण अभियान की व्यापक रूप से स्वीकृति, लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने वाली तकनीकों को समाज द्वारा आसानी से अपना लेने का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है।
राष्ट्रपति को यह जानकर प्रसन्नता हुई कि आईईटीएफ-2023 में प्रकृति और विज्ञान के बीच सामंजस्य को बढ़ावा देने वाली इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकियों की उपलब्धियों को प्रदर्शित करने का ठोस प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मानव प्रतिभा का सर्वोत्तम उपयोग केवल प्रकृति का पोषण करने के लिए किया जाए। उन्होंने कहा कि यदि विज्ञान को आध्यात्मिकता के लक्ष्य से जोड़ दिया जाए, तो यह चमत्कार कर सकती है