भारत की राष्ट्रपति राष्ट्रीय महिला आयोग के स्थापना दिवस में शामिल हुईं महिला सशक्तीकरण केवल सामाजिक न्याय का मुद्दा नहीं है, यह एक आर्थिक अनिवार्यता भी है: राष्ट्रपति मुर्मु
राष्ट्रपति भवन : 31.01.2023
भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मुआज31 जनवरी, 2023कोनई दिल्ली में राष्ट्रीय महिला आयोग के स्थापना दिवस समारोह मेंशामिल हुईं।इस अवसर पर बोलते हुए,राष्ट्रपति ने कहा कि महिला सशक्तिकरण के बिना एक मजबूत और स्वस्थ समाज कीपरिकल्पना संभव ही नहीं है। हम सबको मिलकर एक ऐसा वातावरण बनाने की दिशा में काम करना है जहां सभी महिलाएं सामाजिक-आर्थिक,सांस्कृतिक और राजनीतिक क्षेत्रों में पूरी तरह से भाग ले सकें और अहम योगदान दे सकें।महिला सशक्तीकरण केवल सामाजिक न्याय का मुद्दा नहीं है,यह एक आर्थिक अनिवार्यता भी है। कार्यबल में महिलाओं की कम भागीदारी हमारे देश केसम्पूर्ण विकास में एक बड़ी बाधा है। भारतआज विश्व की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। और अब देश पांच ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनने की ओर आगे बढ़ रहा है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए महिलाओं की और अधिक सक्रिय भूमिका सहायक होगी।
महिला-पुरुष भेदभाव परबोलते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि आज भी देश के कई हिस्सों में लिंगानुपात की स्थिति चिंताजनक है। कन्या भ्रूण हत्या के दु:खद उदाहरण देश के सुशिक्षितक्षेत्रों में भी देखे जाते हैं। उन्होंनेज़ोर दिया कि इस स्थिति को बदलना,केवल सरकार की नहीं, बल्कि पूरे समाज की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि लैंगिक न्यायको सुनिश्चित करते हुए हमें अपने विकास कोन्यायपरक बनाना है। हमारा विकास सही अर्थों में विकास तभी कहा जाएगा जब महिलाओं की स्थिति पुरुषों के समान होगी।
राष्ट्रपति ने कहा कि एक सवाल उठता है कि केवल महिलाओं के लिए अलग आयोग बनाने की जरूरत क्योंमहसूस हुई। इस सवाल का जवाब अपने आप ही मिल जाता है। हम देखते है कि हमारी बहनें-बेटियां अंतरिक्ष में उड़ान भर रही है,सैन्य-दलों में नेतृत्व दे रही है तो दूसरी ओर वे घरेलू हिंसा का शिकार हो रही है,और उन्हें कार्यस्थल पर भेदभाव और उत्पीड़न का सामनाभी करना पड़ता है।
राष्ट्रपति ने कहा कि राष्ट्रीय महिला आयोग का मिशन है'महिलाओं के प्रति भेदभाव एवं उन पर अत्याचारों से पैदा हो रही विशिष्ट समस्याओं को हल करना और महिलाओं को सक्षम बनाने के लिए प्रयास करना। उन्होंने कहा किदेश की आधी आबादी के लिए एक अलग आयोग बनाने की आवश्यकता यह दर्शाती है कि महिला शक्ति को उसका यथोचित सम्मान और अधिकार मिलना बाकी है।उन्होंने जोर देकर कहा कि महिलाओं की स्थिति में सुधार से ही देश समग्र प्रगति कर सकेगा।
राष्ट्रपति को यह जानकर खुशी हुई कि राष्ट्रीय महिला आयोग अपने निरंतर प्रयासों से लैंगिक समानता और सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने सभी महिलाओं सेहर प्रकार की बाधाओं को पार कर दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ने काअनुरोध किया। उन्होंने उनसे अपने अधिकारों के प्रति जागरूकरहनेऔर दूसरों को भी जागरूक बनानेकाअनुरोध किया।.
इस अवसर पर, राष्ट्रपति ने केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी से'सशक्त नारी,सशक्त भारत' -राष्ट्रीय महिला आयोग की यात्रा, पुस्तक की पहली प्रतिग्रहण की।