भारत की राष्ट्रपति भारतीय चार्टर्ड अकाउंटेंट्स संस्थान के 75वें स्थापना दिवस समारोह में शामिल हुईं
राष्ट्रपति भवन : 01.07.2023
भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु आज 01 जुलाई, 2023 को नई दिल्ली में भारतीय चार्टर्ड अकाउंटेंट्स संस्थान (आईसीएआई) के 75वें स्थापना दिवस समारोह में शामिल हुईं।
इस अवसर पर बोलते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि यह न केवल सीए समुदाय के लिए बल्कि लेखांकन और लेखा परीक्षा पेशे के लिए भी एक विशेष दिन है। चार्टर्ड अकाउंटेंट समुदाय, व्यवसाय क्षेत्र का एक ऐसा मजबूत स्तंभ है जिससे सुशासन को बल मिलता है। उन्होंने कहा कि उन को अर्थव्यवस्था के वास्तविक स्वास्थ्य को प्रतिबिंबित करने की एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है।
हाल के समय में महिला चार्टर्ड अकाउंटेंट की बढ़ती संख्या के बारे में बोलते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि यह एक सर्वविदित तथ्य है कि महिलाएं सामान्यतः कुशल वित्त प्रबंधक या अकाउंटेंट होती हैं। उन्होंने कहा कि भारत में घरेलू बचत की एक परम्परा है और महिलाओं की आदत होती है कठिन समय के लिए बचत करना। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि आईसीएआई ने महिलाओं के लिए "वित्तीय और कर साक्षरता" अभियान शुरू किया है। उन्होंने कहा कि यह अभियान ग्रामीण क्षेत्रों, विशेषकर आदिवासी क्षेत्रों के लिए बहुत फायदेमंद है क्योंकि उन क्षेत्रों में गरीब और भोले लोगों को बचत पर अक्सर अधिक ब्याज का लालच देकर धोखा दिया जाता है। उन्होंने विश्वास जताया कि यह अभियान उन लोगों को ऐसी धोखाधड़ी से बचाएगा।
आईसीएआई के विजन 2030 स्टेटमेंट की ओर इशारा करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि इस स्टेटमेंट में अंतरराष्ट्रीय मानकों, पारदर्शिता और नैतिकता के आधार पर व्यवसाय को मजबूत बनाने का संकल्प लिया गया है। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि आईसीएआई ने अत्याधुनिक अनुसंधान और विकास को प्रोत्साहित करने के लिए कई कदम उठाए हैं जिससे चार्टर्ड अकाउंटेंट अपने व्यवसाय में तेजी से बदलाव को समाहित कर सकेंगे। उन्होंने तकनीकी बदलावों पर जोर दिया जो लेखांकन और लेखा परीक्षा प्रथाओं के भविष्य में क्रांतिकारी परिवर्तन लाएंगे। उन्होंने कहा कि आंकड़ों का मैन्युअल मूल्यांकन लगभग अप्रचलित हो गया है और कृत्रिम बुद्धिमत्ता से मशीनों द्वारा आंकड़ों माइनिंग, ऑडिटिंग और अकाउंटिंग की संरचना में काफी बदलाव आएगा।
उन्होंने आईसीएआई से न केवल समय के साथ तालमेल बिठाने के लिए बल्कि पेशे में सही और नैतिक प्रथाओं को लागू करने के लिए तकनीकी नवाचारों को अपनाने का आग्रह किया।
राष्ट्रपति ने कहा कि आईसीएआई की क्षमता और सदस्य-संख्या को विश्व में आदर से देखा जाता है। फिर भी, भारतीय फर्म्स विश्वव्यापी बहुराष्ट्रीय कंपनियों के स्तर तक नहीं पहुँच पाई हैं। उन्होंने इस दिशा में चल रहे प्रयासों का उल्लेख किया और कहा कि अगर अकाउंटेंसी फर्म विभिन्न क्षेत्रों के नियमों पर ध्यान दें और कानून फर्मों के साथ सहयोग करें तो ये इस प्रयासों को और बल मिलेगा । इससे न केवल ज्ञान का क्षितिज बढ़ेगा बल्कि भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था को गति भी मिलेगी। उन्होंने आईसीएआई से दुनिया के सर्वोत्तम लेखांकन सिद्धांतों और प्रथाओं को अपनाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि जी-20 की अध्यक्षता विश्व समुदाय को भारतीय लेखांकन प्रथाओं के बारे में बताने का एक अच्छा अवसर है।
राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार के साथ चार्टर्ड अकाउंटेंट व्यवसायियों के प्रयासों से देश में निरंतर कर आधार बढ़ता जा रहा है। ज्यादा से ज्यादा लोग कर अनुपालन व्यवस्था को अपना रहे हैं। यह आईसीएआई को राष्ट्र निर्माण में एक प्रभावी भागीदार बनाता है।
राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार गरीबों, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के कल्याण के लिए कई योजनाएं चला रही है। ऐसी परिस्थिति में, करदाताओं को प्रेरित करना चार्टर्ड अकाउंटेंट जैसे पेशेवरों की सामाजिक जिम्मेदारी है। उन्होंने विश्वास जताया कि वे अपने दायित्वों का भली-भांति निर्वहन करेंगे और चार्टर्ड अकाउंटेंसी के व्यवसाय को 'आर्थिक प्रशासन के एक स्तंभ' के रूप में देखा जाएगा।