भारत की राष्ट्रपति श्री सत्य साईं मानव उत्कृष्टता विश्वविद्यालय के दूसरे दीक्षांत समारोह में शामिल हुईं
राष्ट्रपति भवन : 03.07.2023
भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज 3 जुलाई, 2023 को कर्नाटक के मुडेनहल्ली में श्री सत्य साईं मानव उत्कृष्टता विश्वविद्यालय के दूसरे दीक्षांत समारोह में भाग लिया।
इस अवसर पर बोलते हुए, राष्ट्रपति ने कहा की उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई कि श्री सत्य साईं विश्वविद्यालय सभी विद्यार्थियों को नि:शुल्क उच्च शिक्षा प्रदान की जा रही है और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के विद्यार्थियों को निःशुल्क छात्रावास सुविधाएं प्रदान करके उच्च शिक्षा प्राप्त करने में सहायता कर रहा है।
राष्ट्रपति ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं किसी भी समाज और देश की प्रगति के लिए बुनियादी आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक नागरिक के लिए सस्ती और विश्वसनीय स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि भारत में चलाई जा रही विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना से अनेक गरीब परिवार लाभान्वित हो रहे हैं। उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई कि श्री सत्य साईं यूनिवर्सिटी फॉर ह्यूमन एक्सीलेंस ने निशुल्क चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने के लिए एम्स, नई दिल्ली और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के सहयोग से श्री मधुसूदन साईं इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च की स्थापना की है। उन्होंने विश्वास जताया कि इस पहल से स्वास्थ्य सेवा और चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में और अधिक विकास संभव होगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि प्रतिस्पर्धा के इस युग में शैक्षणिक उत्कृष्टता हासिल करने के बढ़ते दबाव के कारण विद्यार्थियों में तनाव और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ रही हैं। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि परीक्षाओं में सफलता ही उनकी क्षमताओं का एकमात्र मापदंड नहीं है। उनका व्यक्तित्व, आचरण और चरित्र उनकी शैक्षणिक उपलब्धियों से अधिक महत्वपूर्ण है। उन्होंने माता-पिता और शैक्षणिक संस्थानों से विद्यार्थियों को स्वस्थ वातावरण प्रदान करने और उन्हें उनकी रुचि के अनुसार करियर चुनने और आगे बढ़ाने में मदद करने का भी आग्रह किया।
इस तथ्य की ओर इशारा करते हुए कि इस विश्वविद्यालय में लगभग 66 प्रतिशत छात्र लड़कियां हैं, राष्ट्रपति ने कहा कि आज हमारी बेटियां जीवन के हर क्षेत्र में बढ़-चढ़कर योगदान दे रही हैं। यह हमारे देश में हो रहे बदलावों की एक झलक है। उन्होंने विश्वास जताया कि परम्पराओं के सुदृढ़ आधार पर आधुनिकता को अपनाते हुए महिलाएं देश के विकास में और भी बड़ी भूमिका निभा सकती हैं।