भारत की राष्ट्रपति, बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के 10वें दीक्षांत समारोह में शामिल हुईं
राष्ट्रपति भवन : 13.02.2023
भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज 13 फरवरी, 2023 को लखनऊ में बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय के 10वें दीक्षांत समारोह को संबोधित किया।
इस अवसर पर बोलते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि आज भारत विश्व का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्ट-अप इकोसिस्टम वाला देश है। सभी शिक्षण संस्थानों, विशेष रूप से विश्वविद्यालयों और तकनीकी शिक्षण संस्थानों को इस इकोसिस्टम का पूरा लाभ उठाना चाहिए और अपने छात्रों को शोध और नवाचार के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। नवाचार और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत को सशक्त राष्ट्र बनाने में उनके प्रयासों का महत्वपूर्ण योगदान होगा।
राष्ट्रपति ने यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 द्वारा निवेश और व्यवसाय के लिए बनाए गए अनुकूल वातावरण का जिक्र करते हुए शिक्षा को इस अनुकूल वातावरण से जोड़ने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि हमारे विश्वविद्यालयों को अपने आप को एक ऐसे केंद्र के रूप में विकसित करना चाहिए जहां जन-कल्याण के लिए नए- नए अनुसन्धान किए जाएं, चौथी औद्योगिक क्रांति हब बनें और स्टार्ट-अप के लिए इन्क्यूबेशन केंद्र बनें। हमारे शिक्षण संस्थान भी अगर नई क्रांति, सामाजिक सम्पन्नता और समता के संदेशवाहक बनें तो यह बहुत प्रसन्नता की बात होगी।
राष्ट्रपति ने कहा कि बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर का मानना था कि गरीब और जरूरतमंद लोगों तक शिक्षा की सुविधाएं पहुँचाना एक विश्वविद्यालय का मूलभूत कर्त्तव्य है। उनके अनुसार, एक शिक्षण संस्थान को बिना किसी भेदभाव के सभी को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों को 50 प्रतिशत आरक्षण देकर उनके उत्थान के लिए सराहनीय कार्य कर रहा है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह विश्वविद्यालय बाबा साहेब के आदर्शों के अनुसार देश-प्रदेश में शिक्षा का प्रसार करता रहेगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि दीक्षांत समारोह विद्यार्थियों के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण अवसर होता है। इस दिन उन्हें कई सालों की कड़ी मेहनत का फल मिलता है। उन्होंने कहा कि वह इस अवसर का उपयोग छात्रों को यह सलाह देने के लिए करना चाहेंगी कि वे जीवन में जो कुछ भी बनना चाहते हैं, उसके लिए आज से ही प्रयास शुरू कर दें और अपने लक्ष्य को कभी भी अपने मन मस्तिष्क से दूर ना होने दें। उन्होंने कामना की कि कुछ विद्यार्थी अच्छे शिक्षक/प्रोफेसर बनें। उन्होंने कहा कि शिक्षा और शिक्षण एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। उत्तम शिक्षा व्यवस्था के लिए उत्तम शिक्षकों का होना बहुत ही ज़रूरी है। हमारे होनहार छात्र-छात्राओं को शिक्षण को एक पेशे के रूप में अपनाकर देश के भविष्य को सुंदर बनाने में बहुमूल्य योगदान देना चाहिए।
राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि आज स्नातक होने वाले छात्र, शिक्षा और ज्ञान के बल पर जीवन में खूब उन्नति करेंगे, ऐसा मुझे विश्वास है। लेकिन इसके साथ-साथ अपने संस्कारों और संस्कृति से जुड़े रहना बहुत ज़रूरी है, तभी आप एक सार्थक और संतोषजनक जीवन जी सकते। उन्होंने छात्रों को हमेशा उत्कृष्टता के लिए प्रयास करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि जब भी कोई संकट की स्थिति आए तो उसका समाधान निकालने के बारे में सोचें, उसे एक अवसर की तरह देखें। यह आपकी प्रतिभा को बढ़ाएगा ।