भारत की राष्ट्रपति ने यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 के समापन सत्र को संबोधित किया
राष्ट्रपति भवन : 12.02.2023
भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज 12 फरवरी, 2023 को लखनऊ में यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 के समापन सत्र को संबोधित किया।
इस अवसर पर बोलते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें बहुत प्रसन्नता हो रही है कि उत्तर प्रदेश की उनकी यात्रा, राज्य के विकास के इस महापर्व के अवसर पर हो रही है।
राष्ट्रपति ने कहा कि जनसंख्या की दृष्टि से देश का सबसे बड़ा प्रदेश होने के साथ-साथ, देश की अर्थव्यवस्था में योगदान देने की दृष्टि से भी, उत्तर प्रदेश अनेक क्षेत्रों में भारत में प्रथम स्थान पर है। गेहूँ सहित खाद्यान्नों के कुल उत्पादन में उत्तर प्रदेश, भारत में पहले स्थान पर है। गन्ना और आलू के उत्पादन में भी उत्तर प्रदेश का देश में प्रथम स्थान है। आम और मटर के उत्पादन में भी, उत्तर प्रदेश का योगदान सबसे अधिक है। इसी प्रकार, दूध के उत्पादन में भी उत्तर प्रदेश भारत में सबसे आगे है। कृषि उत्पादों से समृद्ध होने के कारण राज्य में कृषि पर आधारित उद्यमों के लिए बहुत अधिक संभावनाएं हैं। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि शिखर सम्मेलन के दौरान 'लीवरेजिंग फूड बास्केट ऑफ इंडिया: ऑपर्च्युनिटी फॉर फूड प्रोसेसिंग' और 'अनलॉकिंग ऑपर्च्युनिटीज इन डेयरी एंड एनिमल हसबेंडरी सेक्टर' पर सत्र आयोजित किए गए।
राष्ट्रपति ने, इस तथ्य का उल्लेख करते हुए कि राजनीतिक परिवेश की स्थिरता और प्रशासन की निरंतरता निवेशकों के लिए बहुत सहायक सिद्ध होती है, कहा कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश में
निर्णय लेने वाली स्थिर सरकार कार्यरत है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने दूरदर्शी नीतियों की परिकल्पना की है और उन्हें लागू किया है। इसके परिणामस्वरूप उत्तर प्रदेश नए भारत के विकास इंजन की भूमिका निभाने में सक्षम और तैयार भी है। उन्होंने कहा कि इस शिखर सम्मेलन के माध्यम से उत्तर प्रदेश में लगभग 35.5 लाख करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित है, जिससे लाखों लोगों को रोजगार के अवसर मिलने की उम्मीद है।
राष्ट्रपति ने कहा कि उत्तर प्रदेश में लगभग 95 लाख एमएसएमई हैं जो देश में सबसे अधिक हैं। उन्होंने कहा कि एमएसएमई देश के उद्योगों का मेरुदंड होने के साथ-साथ, कृषि क्षेत्र के बाद रोजगार के सबसे अधिक अवसर भी प्रदान करती हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि उत्तर प्रदेश का एमएसएमई क्षेत्र भारत के आर्थिक विकास में प्रमुख भूमिका निभाएगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि यह प्रसन्नता की बात है कि भारत को पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य प्राप्त करने में, उत्तर प्रदेश ने राज्य स्तर पर एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का संकल्प लिया है। भारत की कुल अर्थव्यवस्था का पांचवा हिस्सा उत्तर प्रदेश के योगदान से प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के इन सभी प्रयासों से आत्मनिर्भर भारत अभियान को भी बल मिलेगा। राष्ट्रपति ने कहा कि उत्तर प्रदेश में अवसंरचना का विकास बहुत तेजी से किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में डिफेंस कॉरिडोर के विकास से भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता और बढ़ेगी, इससे निवेश भी आएगा और रोजगार भी बढ़ेगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अनेक प्रयास किए जा रहे हैं। राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के तहत नवीकरणीय ऊर्जा विकास, हरित ऊर्जा गलियारे और एनर्जी ट्रांजिशन की दिशा में किए जा रहे प्रयास भारत के नेट ज़ीरो इमिशन के लक्ष्य को प्राप्त करने में बहुत सहायक सिद्ध होंगे।
राष्ट्रपति ने कहा कि बढ़ते हुए निवेश के वातावरण में स्वरोजगार की संस्कृति को और अधिक बल मिलता है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में स्टार्ट-अप क्रांति के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इन प्रयासों से, उत्तर प्रदेश का स्वरोजगार के क्षेत्र में भी अग्रणी स्थान होगा।
राष्ट्रपति ने उत्तर प्रदेश को पसंदीदा निवेश स्थान बनाने के प्रयासों की भी सराहना की। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि उत्तर प्रदेश को 'उत्तम निवेश प्रदेश' के रूप में विश्व स्तर पर प्रसिद्धि प्राप्त होगी। उन्होंने कहा कि यदि उत्तर प्रदेश और अधिक समृद्ध होगा तो भारत भी और अधिक समृद्ध होगा।